राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

उर्वरक उद्योग ने उर्वरक इनपुट्स पर 5% जीएसटी की मांग की

29 अगस्त 2025, नई दिल्ली: उर्वरक उद्योग ने उर्वरक इनपुट्स पर 5% जीएसटी की मांग की – उर्वरक उद्योग मौजूदा जीएसटी ढांचे के तहत गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। जहां पी एंड के (P&K) उर्वरकों पर 5% जीएसटी लगाया जाता है, वहीं इनके उत्पादन में उपयोग होने वाले प्रमुख कच्चे माल—जैसे अमोनिया और सल्फ्यूरिक एसिड—पर 18% जीएसटी लगता है। पैकिंग सामग्री और अन्य इनपुट्स पर भी 5% से अधिक जीएसटी दर लागू है।

जीएसटी प्रावधानों के तहत उर्वरक सब्सिडी को सप्लाई के मूल्य से बाहर रखा गया है। इस कारण आउटपुट टैक्स देयता इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की तुलना में काफी कम हो जाती है। इस असमानता की वजह से उर्वरक कंपनियों के पास भारी मात्रा में अप्रयुक्त आईटीसी जमा हो रहा है। इस जमा आईटीसी की वापसी न मिलने से उद्योग की कार्यशील पूंजी पर दबाव बढ़ रहा है और कच्चे माल व तैयार उर्वरकों की समय पर खरीद में कठिनाई हो रही है।

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इसी परिप्रेक्ष्य में उर्वरक संघ (FAI) का एक प्रतिनिधिमंडल—जिसमें इंडियन पोटाश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. पी.एस. गहलौत, एफएआई के महानिदेशक डॉ. सुरेश कुमार चौधरी और एफएआई के सह-अध्यक्ष तथा कोरमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ श्री एस. शंकरसुबरमणियन शामिल थे—ने 26 अगस्त 2025 को भारत सरकार की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने उर्वरक कच्चे माल पर जीएसटी दर 18% से घटाकर 5% करने तथा सब्सिडी को कर योग्य आपूर्ति से बाहर रखने की स्थिति में जमा आईटीसी की वापसी की अनुमति देने का अनुरोध किया। इस संदर्भ में एक औपचारिक ज्ञापन भी सौंपा गया।

उद्योग को अब उम्मीद है कि सरकार इस लंबे समय से लंबित इनपुट टैक्स क्रेडिट वापसी के मुद्दे का सकारात्मक समाधान निकालेगी।

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