उत्तर-पूर्वी क्षेत्र की कृषि को डिजिटल मंच से नई उड़ान: ‘एनई-रेस’ वेब पोर्टल लॉन्च
08 अगस्त 2024, नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी क्षेत्र की कृषि को डिजिटल मंच से नई उड़ान: ‘एनई-रेस’ वेब पोर्टल लॉन्च – उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के किसानों और कृषि उद्यमियों के लिए एक नई डिजिटल पहल, ‘उत्तर-पूर्वी क्षेत्र कृषि-कमोडिटी ई-कनेक्ट’ (एनई-रेस) का शुभारंभ किया गया है। यह वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप के रूप में है, जिसे 12 जुलाई 2024 को शिलांग में संचार और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया द्वारा लॉन्च किया गया था। इस पहल को उत्तर पूर्वी विकास वित्त निगम लिमिटेड (एनईडीएफआई) के सहयोग से उत्तर पूर्वी परिषद (एनईसी) ने शुरू किया है और यह एनईडीएफआई द्वारा विकसित और प्रबंधित किया जा रहा है।
सीधे खरीदारों से जुड़ेंगे किसान:
इस पोर्टल के माध्यम से किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), स्वयं सहायता समूह, प्रगतिशील किसान और कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्यमी बिचौलियों की भूमिका को कम करते हुए सीधे खरीदारों से जुड़ सकते हैं। इसमें निर्यातक, एग्रीगेटर्स, संगठित क्षेत्र के खरीदार, थोक और खुदरा खरीदार एवं व्यक्तिगत उपभोक्ता शामिल हैं।
प्लेटफॉर्म में ट्रांसपोर्टर्स, कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं, वेयरहाउसिंग और कोल्ड चेन सेवाएं भी शामिल हैं। साथ ही, पोर्टल एक हेल्प-लाइन नंबर द्वारा समर्थित है जो खरीदारों, विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं को अंग्रेजी, हिंदी, असमिया, बंगाली, नेपाली, मणिपुरी, खासी और मिजो जैसी प्रमुख भाषाओं में व्यक्तिगत सहायता प्रदान करता है।
एनई-रेस पहल के तहत राज्यवार और क्लस्टर-आधारित किसान ऑनबोर्डिंग शिविरों का प्रावधान है, जिससे किसान वैश्विक बाजारों तक पहुंचने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकें।
इस पहल की सफलता सुनिश्चित करने के लिए कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), मसाला बोर्ड, एनईआरएएमएसी, एनईआरसीआरएमएस और एसएफएसी के साथ-साथ राज्य सरकार के विभागों के बीच सहयोग का भी प्रावधान है।
एनई-रेस पहल के लाभ:
- विदेशी और प्रीमियम फसलों का प्रमोशन: उच्च मांग वाली कृषि-बागवानी फसलों को बढ़ावा देना।
- सीधी बातचीत: उत्पादकों को खरीदारों के साथ सीधे बातचीत करने में सक्षम बनाना।
- अग्रिम बुकिंग: उत्पादों की पारस्परिक रूप से सहमत नियमों और शर्तों के अंतर्गत अग्रिम बुकिंग।
- लॉजिस्टिक समाधान: सेवा प्रदाताओं की सेवाओं को सुविधाजनक बनाकर लॉजिस्टिक चुनौतियों का समाधान।
- वन-स्टॉप शॉप: उत्तर-पूर्वी भारत के उत्पादों के लिए एक वन-स्टॉप शॉप प्रदान करना।
- प्रयोगसिद्ध साक्ष्य: कृषि-बागवानी क्षेत्र की क्षमता पर प्रयोगसिद्ध साक्ष्य प्रदान करना।
इस जानकारी को आज लोकसभा में उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में साझा किया।
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