राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

दीनदयाल अंत्योदय योजना -एनआरएलएम ने कृषि पोषण वाटिका सप्ताह मनाया

76 हज़ार से अधिक ‘कृषि पोषण वाटिका’ बनाई गईं, मध्य प्रदेश की सुमित्रा ने 10 तरह की सब्जियां लगाईं

21 जनवरी 2022, नई दिल्ली । दीनदयाल अंत्योदय योजना -एनआरएलएम ने कृषि पोषण वाटिका सप्ताह मनाया
दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) ने
जागरूकता अभियान के माध्यम से 10 से 17 जनवरी, 2022 तक ‘कृषि पोषण वाटिका
सप्ताह’ मनाया और इस दौरान ग्रामीण घरों में ‘कृषि पोषण वाटिका’ लगाने के लिए
लोगों को प्रोत्साहित भी किया है। परिवार के पोषण की आवश्यकता को पूरा करने के
लिए प्रत्येक ग्रामीण गरीब परिवार को कृषि पोषण वाटिका लगाने में मदद करना
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का एजेंडा है और इसमें जरूरत से ज्यादा उपज को
आय सृजन के लिए बाजार में बेचा भी जा सकता है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था की ताकत बढ़ाने और  खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने
की दिशा में 78 लाख से अधिक कृषि पोषण वाटिकाओं की स्थापना के साथ ग्रामीण भारत
नया रास्ता दिखा रहा है। इस कृषि पोषण वाटिका सप्ताह में  कुल 76,664 ‘कृषि
पोषण वाटिका’ लगाई गई हैं।

एनआरएलएम द्वारा  इस अवसर पर  आयोजित  वेबिनार में  700 जगहों से पहुंची 2000
से अधिक महिलाओं ने भाग लिया। ग्रामीण आजीविका  (आरएल) की संयुक्त सचिव ने सभी
राज्य / केंद्र शासित प्रदेशों के मिशनों को बधाई दी। उन्होंने सभी एसआरएलएम और
महिला किसानों को सभी घरों में पोषण वाटिका लगाने के लिए प्रेरित किया और कहा
कि इन वाटिकाओं में तरह-तरह की सब्जियों और फलों की खेती करने की योजना होनी
चाहिए ताकि समग्र घरेलू पोषण की आवश्यकता पूरी हो  सके। मध्य प्रदेश की
सुमित्रा केवल और झारखंड की आरती कुमारी ने वेबिनार में अपनी कहानियां सुनाईं,
जिसने सभी प्रतिभागियों को इस काम में और भी बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित
किया।

मध्य प्रदेश की सुमित्रा  की वाटिका में 10 तरह  की सब्जियां और फल

मध्य प्रदेश की सामुदायिक संसाधन व्‍यक्ति (सीआरपी) की श्रीमती सुमित्रा केवल
ने वेबिनार में भाग लिया और वाटिका दिखाई। वे  अपनी वाटिका में 10 प्रकार की
सब्जियों और फलों की खेती कर रही हैं जिससे उनके परिवार की आवश्यकता पूरी हो
जाती है और अतिरिक्त आय के लिए अपनी उपज बेचती भी है। उनके गांव में करीब 280
एसएचजी परिवार हैं और उन्होंने गांव के अन्य  घरों में भी वाटिकाएं लगवाई हैं।
अब सभी घरों में विभिन्न प्रकार की सब्जियों और फलों के साथ कृषि पोषण वाटिका
हैं।

कम खर्च में  पौष्टिक भोजन

झारखंड में बेंगाबाद से सीआरपी श्रीमती आरती कुमारी भी वेबिनार में शामिल हुईं।
उन्होंने बताया कि सब्जियों और फलों के मामले में पोषण संबंधी सभी जरूरतें कृषि
पोषण वाटिका से पूरी हो जाती है। इस महामारी की स्थिति में, वह इस कृषि पोषण
वाटिका से अपने परिवार की पोषण संबंधी आवश्यकता को पूरा करने में सक्षम रही
हैं।

दोनों महिला किसानों ने बताया कि अब उनके परिवार में चिकित्सा खर्च में कम पैसा
खर्च किया जा रहा है क्योंकि उन्हें पौष्टिक और रसायन मुक्त भोजन मिल रहा है और
उसे उन्होंने अपने कृषि पोषण वाटिका में खुद उगाया है।

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