बिहार में डेयरी किसानों की कमाई को लगेगा पंख: केंद्र और राज्य की 10 योजनाओं से बढ़ेगा दूध उत्पादन
30 जुलाई 2025, नई दिल्ली: बिहार में डेयरी किसानों की कमाई को लगेगा पंख: केंद्र और राज्य की 10 योजनाओं से बढ़ेगा दूध उत्पादन – देशभर के डेयरी किसानों के लिए राहतभरी खबर है। केंद्र सरकार उन्नत प्रजनन तकनीक, वैज्ञानिक आहार पद्धतियों और योजनाबद्ध सहायता के जरिए दूध उत्पादन और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं का लाभ बिहार के साथ-साथ पूरे देश को भी मिल रहा है। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने 29 जुलाई 2025 को लोकसभा में लिखित उत्तर के माध्यम से बिहार में इन योजनाओं के प्रभाव, आंकड़ों और प्रगति की जानकारी दी है। इससे राज्य के डेयरी किसानों को खासा फायदा होने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) से मिलेगा बुनियादी ढांचे को बल
पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीएएचडी) ने राज्य सरकारों के प्रयासों को पूरक बनाने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) की शुरुआत की है। इसमें दो प्रमुख घटक शामिल हैं:
घटक “ए” – सहकारी संघों, SHG, एफपीओ आदि के लिए दूध जांच उपकरण और प्राथमिक शीतलन संयंत्रों के निर्माण पर फोकस।
घटक “बी” – “सहकारिता के माध्यम से डेयरी” योजना के तहत बाजार से जुड़ाव बढ़ाने, प्रसंस्करण इकाइयों को अपग्रेड करने और किसानों की विपणन क्षमता बढ़ाने पर काम।
कोशी-सीमांचल क्षेत्र में डेयरी विस्तार के प्रयास
हालांकि बिहार सरकार ने कोशी-सीमांचल क्षेत्र के लिए एनपीडीडी के तहत कोई विशेष परियोजना नहीं भेजी है, फिर भी क्षेत्रीय स्तर पर कई प्रयास हुए हैं:
1. मधेपुरा: 0.50 लाख लीटर/दिन की क्षमता वाला दुग्ध शीतलन संयंत्र स्वीकृत।
2. खगड़िया: डेयरी प्रसंस्करण क्षमता 1 LLPD से बढ़ाकर 2 LLPD।
3. पूर्णिया: कोसी डेयरी प्रोजेक्ट के अंतर्गत 2 LLPD की प्रोसेसिंग सुविधा।
4. सुपौल: 2 LLPD क्षमता वाला प्लांट, 1 LLPD खरीद का अनुमान।
केंद्र की प्रमुख योजनाएं जो बिहार में लागू हैं:
1. राष्ट्रीय गोकुल मिशन- देशी नस्लों के संरक्षण और सुधार हेतु। इससे पशुओं की दूध उत्पादन क्षमता बढ़ती है।
2. डेयरी सहकारी समितियों और एफपीओ को पूंजी सहायता- प्राकृतिक आपदा या बाजार में गिरावट की स्थिति में 2% से 4% तक ब्याज अनुदान दिया जाता है।
3. पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (AHIDF)- दूध प्रोसेसिंग व विविधीकरण इकाइयों को 3% ब्याज दर पर ऋण। इससे असंगठित किसानों को संगठित बाजार में स्थान मिलता है।
4. राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM)- भेड़, बकरी, सूअर, पोल्ट्री पालन और चारा उत्पादन में उद्यमिता को बढ़ावा।
5. पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम (LHDCP)- पशुओं के टीकाकरण, चिकित्सा सेवाओं और जेनेरिक दवाओं की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करना।
बिहार सरकार की 4 प्रमुख योजनाएं
1. सात निश्चय -2 योजना- 2021-2025 तक 7,000 नई डेयरी सहकारी समितियों के गठन का लक्ष्य।
2. देसी गौपालन प्रोत्साहन योजना- SC/ST/अति पिछड़ा वर्ग के लिए देशी गायों पर 75% तक सब्सिडी।
3. समग्र भैंस पालन योजना- मुर्रा, भदावरी जैसी नस्लों की खरीद के लिए ₹1.21-1.81 लाख तक सहायता।
4. समग्र गाय विकास योजना- 2-20 पशुओं वाले डेयरी फार्म के लिए 40% से 75% तक सब्सिडी।
बिहार के प्रमुख दुग्ध प्रसंस्करण केंद्र (डेटा)
क्रमांक | स्थान | क्षमता (हजार लीटर/दिन) |
1 | समस्तीपुर | 835 |
2 | बरौनी | 500 |
3 | डेहरी-ऑन-सोन | 500 |
4 | बिहारशरीफ | 400 |
5 | सीतामढ़ी | 400 |
… | अन्य 15 स्थान | कुल मिलाकर 4855 हजार लीटर |
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