राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

खरीफ 2025-26 में कपास उत्पादन होगा बेहतर, दक्षिण भारत से रिकॉर्ड फसल की संभावना

16 अगस्त 2025, नई दिल्ली: खरीफ 2025-26 में कपास उत्पादन होगा बेहतर, दक्षिण भारत से रिकॉर्ड फसल की संभावना – अक्टूबर से शुरू हो रहे खरीफ 2025-26 सीजन में भारत का कपास उत्पादन पिछले साल की तुलना में बेहतर रहने की उम्मीद है। भले ही इस बार कुछ राज्यों में कपास की बुवाई का क्षेत्र थोड़ा घटा है, लेकिन समय पर और अच्छी बारिश के कारण कपास की फसल की स्थिति काफी अच्छी बताई जा रही है। कपास उत्पादकों के शीर्ष संगठन ‘कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ (CAI) के अध्यक्ष अतुल गणात्रा के मुताबिक, इस बार सभी 10 प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों में बारिश संतोषजनक रही है, जिससे फसल की हालत बहुत अच्छी है।

पिछले साल की तुलना में इस बार कपास की बुवाई करीब 3% कम हुई है। 2024 में जहां 110 लाख हेक्टेयर में कपास की बुवाई हुई थी, वहीं इस बार लगभग 107 लाख हेक्टेयर में ही बुवाई हुई है। हालांकि, बुवाई में थोड़ी गिरावट के बावजूद इस बार 10% तक अधिक उपज की उम्मीद की जा रही है। अगर मौसम अनुकूल रहा, तो कपास का कुल उत्पादन 325 से 330 लाख गांठ (1 गांठ = 170 किलो) तक पहुंच सकता है। 2024-25 के लिए कपास उत्पादन 311 लाख गांठ रहने का अनुमान है।

Advertisement
Advertisement

दक्षिण भारत से मिल सकता है रिकॉर्ड उत्पादन

इस साल दक्षिण भारत के राज्यों- कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से कपास उत्पादन में खास उछाल देखने को मिल सकता है। गणात्रा के अनुसार, कर्नाटक में कपास की बुवाई पिछले साल की तुलना में 18-20% अधिक हुई है और वहां फसल की हालत बेहतरीन है। वहां 30 लाख गांठ उत्पादन की उम्मीद है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 24 लाख था।

तेलंगाना में बुवाई 41 लाख एकड़ से बढ़कर 44 लाख एकड़ हो गई है, यानी 5% की बढ़त। आंध्र प्रदेश में भी बुवाई 25% बढ़ी है क्योंकि वहां तंबाकू और मिर्च की खेती करने वाले कुछ किसानों ने कपास की ओर रुख किया है। इसकी एक वजह यह भी है कि इस साल कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) अच्छा है और ‘कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया’ ने आंध्र में बड़ी मात्रा में खरीदी की थी। गणात्रा का कहना है कि तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा जैसे दक्षिणी राज्यों से कुल मिलाकर 1 करोड़ गांठ कपास उत्पादन हो सकता है, जो अब तक का रिकॉर्ड होगा। इस साल दक्षिण भारत से कुल उत्पादन 87 लाख गांठ रहा था।

Advertisement8
Advertisement

गुजरात-महाराष्ट्र में क्षेत्र घटा, पर फसल की हालत बेहतर

मध्य भारत के कपास उत्पादक राज्यों गुजरात और महाराष्ट्र में इस साल बुवाई का क्षेत्र घटा है। गुजरात में 10% और महाराष्ट्र में लगभग 3-4% की गिरावट आई है। खासतौर पर महाराष्ट्र के खंडेश क्षेत्र में कपास की खेती कम हुई है, जबकि विदर्भ और मराठवाड़ा में क्षेत्र लगभग समान रहा है। पिछले साल खंडेश में उत्पादन 15 लाख गांठ था, जो इस साल घटकर 9 लाख गांठ रह गया।

Advertisement8
Advertisement

उत्तर भारत की बात करें तो वहां भी फसल की हालत अच्छी बताई जा रही है। पिछले साल जहां उत्पादन 28.5 लाख गांठ रहा था, वहीं इस बार 38 लाख गांठ की उम्मीद जताई गई है। राजस्थान में बुवाई बढ़ी है, हरियाणा में थोड़ी घट गई है, जबकि पंजाब में स्थिति पहले जैसी ही है लेकिन फसल बेहतर है।

समय पर बारिश और बुवाई से उपज में इजाफे की उम्मीद

‘ऑल इंडिया कॉटन ब्रोकर्स एसोसिएशन’ के उपाध्यक्ष रामानुज दास बूब का भी मानना है कि समय पर बारिश और समय पर बुवाई की वजह से इस बार कपास की फसल की स्थिति काफी अच्छी है। इससे न केवल उपज बेहतर होगी, बल्कि फसल बाजार में जल्दी भी आ सकती है।

गुजरात स्थित कॉटन व्यापारी आनंद पोपट का कहना है कि बुवाई में कुल मिलाकर 2-4% की कमी हो सकती है, लेकिन फसल की हालत अच्छी है और उपज बढ़ने की संभावना है। उनका अनुमान है कि अगर मौसम साथ देता है तो कुल उत्पादन 330 लाख गांठ के आसपास रह सकता है, जिसमें 5% ऊपर-नीचे का फर्क हो सकता है।

हालांकि, अमेरिका के कृषि विभाग (USDA) ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में भारत का कपास उत्पादन 2025-26 के लिए 5.11 मिलियन टन आंका है, जो 2024-25 के 5.22 मिलियन टन से थोड़ा कम है।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.global-agriculture.com

Advertisements
Advertisement5
Advertisement