कपास उत्पादन में उछाल, 2025-26 में 335 लाख गांठ तक पहुंचने की संभावना: CAI रिपोर्ट
17 अक्टूबर 2025, नई दिल्ली: कपास उत्पादन में उछाल, 2025-26 में 335 लाख गांठ तक पहुंचने की संभावना: CAI रिपोर्ट – कपास उत्पादन को लेकर 2025-26 के सीजन में देश में अच्छी उम्मीदें जताई जा रही हैं। कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CAI) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार कपास का उत्पादन 312 से 335 लाख गांठ के बीच रहने की संभावना है। इस अनुमान के पीछे इस साल की कपास की बुआई और शुरुआती पैदावार के आंकड़े हैं, जिनमें गुजरात और पंजाब जैसे राज्यों में अच्छी उपज का रुझान देखा गया है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में अधिक बारिश की वजह से उत्पादन प्रभावित हुआ है, लेकिन कुल मिलाकर मौसम ने किसानों का पूरा साथ दिया है। इस बार कपास की खेती लगभग 111 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है, जो पिछले साल के 112.97 लाख हेक्टेयर के लगभग बराबर है। इसके साथ ही मक्का, सोयाबीन जैसी अन्य फसलों की भी बुआई में वृद्धि देखी गई है।
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने यह भी बताया कि 2025-26 सीजन के लिए शुरुआती स्टॉक 60.59 लाख गांठ रहने का अनुमान है, जो पिछले साल के 39.19 लाख गांठ की तुलना में काफी ज्यादा है। इसके पीछे मुख्य वजह बेहतर उत्पादन के साथ उच्च आयात को माना जा रहा है। हालांकि, मंडियों में नई कपास की आवक शुरू हो चुकी है, लेकिन कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से नीचे चल रही हैं, जिससे किसानों को नुकसान का खतरा बना हुआ है। इस समय पूरे देश में कपास की आवक प्रति दिन करीब 1 लाख बेल्स की दर से हो रही है, लेकिन कच्चे कपास की मांग कमजोर रहने की वजह से कीमतें दबाव में हैं। अक्टूबर के अंत तक पूरे देश में कपास उत्पादन के आंकड़े आ जाएंगे, जिसमें 10 प्रमुख राज्यों की उपज का विवरण शामिल होगा।
मुख्य कपास उत्पादन वाले राज्यों की स्थिति
महाराष्ट्र 89.09 लाख गांठ कपास उत्पादन के साथ शीर्ष स्थान पर है, जहां खेती का क्षेत्रफल 40.86 लाख हेक्टेयर है, लेकिन यहां उपज 370.66 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के हिसाब से कम है। दूसरी ओर, गुजरात 23.92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की खेती करता है और 507.02 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की उच्च उत्पादकता के कारण 71.34 लाख गांठ उत्पादन करता है। तेलंगाना भी एक उभरता हुआ बड़ा उत्पादक राज्य है, जहां 468.04 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की अच्छी उपज के साथ लगभग 49.86 लाख गांठ कपास उत्पादन की उम्मीद है। राजस्थान में 500.24 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की मजबूत उपज के साथ 18.45 लाख गांठ उत्पादन होने का अनुमान है, जबकि मध्य प्रदेश 425.98 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की उपज के साथ 15.35 लाख गांठ कपास उत्पादन करेगा।
कपास उत्पादन में वृद्धि के कारण
देश में कपास उत्पादन में सुधार के पीछे अनुकूल मौसम की भूमिका अहम है, जिससे किसानों को बेहतर फसल मिली है। साथ ही, बीते सालों की तुलना में बुआई क्षेत्र स्थिर रहा है और बेहतर तकनीकों के इस्तेमाल से उपज में भी बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, बाजार में कपास की कीमतें MSP से नीचे चल रही हैं, जो किसानों के लिए चिंता का विषय है। इसके बावजूद, बेहतर उत्पादन और उच्च शुरुआती स्टॉक से बाजार में संतुलन बना हुआ है।
मांग और बाजार की स्थिति
कपास की मांग धीमी होने की वजह से बाजार में कीमतें दबाव में हैं, जिससे किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। खरीफ फसलों में मक्का और सोयाबीन की बुआई में वृद्धि ने भी बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ा दी है। इस स्थिति को देखते हुए बाजार में संतुलन और किसानों के हितों के लिए उपयुक्त कदम उठाना जरूरी हो गया है।
अक्टूबर में आने वाले आंकड़ों पर नजर
देश के लगभग 10 प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों की पैदावार की सटीक जानकारी अक्टूबर के अंत में आयोजित बैठक में सामने आएगी। इस बैठक में पूरे देश के कपास उत्पादन के आंकड़े जारी किए जाएंगे, जिससे आगे की नीतियां बनाने और बाजार की स्थिति समझने में मदद मिलेगी। इस बार की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात और महाराष्ट्र में उत्पादन पिछले साल से बेहतर रहने की संभावना है, जो पूरे देश के कपास उत्पादन को मजबूत करेगा।
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