बजट 2025: किसानों को मिलेगा आसान कर्ज, ‘ग्रामीण क्रेडिट स्कोर’ फ्रेमवर्क होगा विकसित
01 फ़रवरी 2025, नई दिल्ली: बजट 2025: किसानों को मिलेगा आसान कर्ज, ‘ग्रामीण क्रेडिट स्कोर’ फ्रेमवर्क होगा विकसित – केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट 2025 पेश करते हुए कृषि क्षेत्र को लेकर कई बड़े ऐलान किए। सरकार ने इसे ‘विकास यात्रा का पहला इंजन‘ बताते हुए किसानों और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की। इनमें मखाना बोर्ड की स्थापना, उच्च उपज वाले बीजों का राष्ट्रीय मिशन और कपास उत्पादकता मिशन प्रमुख हैं।
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना: 100 जिलों में कृषि क्रांति
सरकार ने देश के 100 ऐसे जिलों को चिन्हित कर ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ शुरू करने की घोषणा की है, जहाँ कृषि उत्पादकता अपेक्षाकृत कम है और किसानों को सस्ता व सुलभ ऋण नहीं मिल पाता। इस योजना के तहत कृषि उत्पादन को बढ़ाने, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने, आधुनिक भंडारण सुविधाएँ विकसित करने, सिंचाई व्यवस्था को सुधारने और किसानों को दीर्घकालिक व अल्पकालिक ऋण उपलब्ध कराने पर जोर दिया जाएगा। इस कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलने की उम्मीद है।
बजट में ‘ग्रामीण समृद्धि एवं सशक्तिकरण कार्यक्रम’ की भी घोषणा की गई, जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में अधरोज़गारी को कम करना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है। इस कार्यक्रम के तहत कौशल विकास, निवेश और तकनीकी नवाचारों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा किए जाएंगे। यह योजना विशेष रूप से महिलाओं, युवा किसानों, छोटे और सीमांत किसानों और भूमिहीन परिवारों पर केंद्रित होगी। पहले चरण में 100 कृषि जिलों को इस योजना में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, सरकार इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए बहुपक्षीय विकास बैंकों से वित्तीय और तकनीकी सहायता लेने की दिशा में भी काम करेगी।
आत्मनिर्भर भारत मिशन: दाल उत्पादन में आत्मनिर्भरता
सरकार ने छह साल के ‘आत्मनिर्भर भारत मिशन’ की घोषणा की, जिसके तहत तूर, उड़द और मसूर जैसी दालों के उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस मिशन का लक्ष्य जलवायु-अनुकूल बीजों का विकास, प्रोटीन स्तर में सुधार, उत्पादकता बढ़ाना, फसल कटाई के बाद भंडारण को मजबूत बनाना और किसानों को उचित मूल्य दिलाना है। सरकार ने स्पष्ट किया कि NAFED और NCCF जैसी केंद्रीय एजेंसियाँ अगले चार वर्षों तक किसानों से इन दालों की खरीद करेंगी, लेकिन केवल उन्हीं किसानों से जो इन एजेंसियों के साथ पंजीकरण कराएँगे और पूर्व-समझौते करेंगे।
फल-सब्जी उत्पादन को बढ़ावा: श्री-अन्न पर भी ध्यान
बढ़ती आय और बेहतर पोषण आवश्यकताओं को देखते हुए सरकार ने फल-सब्जियों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम की घोषणा की है। इस योजना के तहत राज्यों के सहयोग से उत्पादन, आपूर्ति श्रृंखला, प्रसंस्करण और किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने पर जोर दिया जाएगा। किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) और सहकारी समितियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक ठोस संस्थागत ढाँचा विकसित किया जाएगा। इसके अलावा, सरकार ने श्री-अन्न (मोटे अनाज) की बढ़ती मांग को देखते हुए इस क्षेत्र को भी विशेष प्राथमिकता देने का फैसला किया है।
ग्रामीण क्रेडिट स्कोर: किसानों और उद्यमियों के लिए सस्ता ऋण
ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को गति देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ‘ग्रामीण क्रेडिट स्कोर’ फ्रेमवर्क विकसित करेंगे। इसका उद्देश्य स्वयं सहायता समूह (SHG) के सदस्यों और ग्रामीण जनता की ऋण आवश्यकताओं को पूरा करना है। यह स्कोरिंग प्रणाली छोटे किसानों, भूमिहीन श्रमिकों और ग्रामीण उद्यमियों को आसान ऋण उपलब्ध कराने में मदद करेगी। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा और किसानों तथा छोटे व्यापारियों के लिए वित्तीय सेवाएँ अधिक सुलभ होंगी।
बजट 2025 में कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों को सशक्त बनाने के लिए कई अहम योजनाएँ पेश की गई हैं। सरकार का ध्यान कृषि उत्पादन बढ़ाने, किसानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने पर केंद्रित है। अब इन योजनाओं के क्रियान्वयन और प्रभाव पर नजर रहेगी।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: