National News (राष्ट्रीय कृषि समाचार)

कस्टम हायरिंग के नियमों में किया संशोधन

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आखिर सरकार झुकी

भोपाल। प्रदेश में चल रहे कस्टम हायरिंग केंद्रों में ब श्रेणी के यंत्रों को क्रय करने की अनिवार्यता को लेकर ग्रामीण युवाओं के विरोध के बाद राज्य सरकार को झुकना पड़ा और यंत्र खरीदी की अनिवार्यता को समाप्त करना पड़ा। प्रमुख सचिव कृषि के घेराव के बाद कृषि मंत्री के निर्देश पर शासन ने नियमों में संशोधन करते हुए आदेश जारी कर दिया है जिसमें कहा गया है कि ब श्रेणी की कोई भी मशीन क्रय करने के लिए किसान बाध्य नहीं है। यदि हितग्राही कृषक ब श्रेणी के यंत्र क्रय नहीं करना चाहता तो उसके आवेदन देने पर जिला कृषि अभियांत्रिकी के अधिकारियों द्वारा छूट दी जा सकेगी।

ब और स श्रेणी के यंत्रों का क्रय हुआ एच्छिक

ज्ञातव्य है कि ग्रामीण क्षेत्र में युवाओं को रोजगार देने और छोटे किसानों को किराए पर सहजता से कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए कस्टम हायरिंग योजना चलाई जा रही है। अब योजना में ब और स श्रेणी के कृषि यंत्र पूरी तरह ऐच्छिक किये गये हैं। अ श्रेणी के यंत्र रखे जाना अनिवार्य होगा। आवेदक ब श्रेणी का कोई यंत्र नहीं लेना चाहता है, तो कृषि अभियंत्रिकी के जिला अधिकारी को आवेदन देने पर छूट मिलेगी। स श्रेणी में उल्लेखित कृषि यंत्र भी ऐच्छिक हैं, जिन्हें आवेदक अपनी आवश्यकतानुसार प्रोजेक्ट की लागत सीमा तक खरीद सकेगा। 

उल्लेखनीय है कि योजना में श्रेणी अ के यंत्र टै्रक्टर, प्लाऊ, रोटरवेटर, कल्टीवेटर या डिस्क हेरो, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल या जीरो टिल सीड कम फर्टि ड्रिल, टै्रक्टर चलित थ्रेसर या स्ट्रारीपर तथा रेज्ड बेड प्लांटर या राईस ट्रांसप्लांटर रखना जरूरी होंगे। ब श्रेणी के यंत्र क्लीनिंग ग्रेडिंग प्लांट अथवा दोनों, डि-स्टोनर तथा स श्रेणी के यंत्र रखना पूरी तरह ऐच्छिक होंगे।

ज्ञातव्य है कि गत 9 सितम्बर को कृषि विभाग द्वारा शासन स्तर से निकले आदेश में ब श्रेणी के तहत क्लीनिंग ग्रेडिंग प्लांट तथा डि-स्टोनर मशीन को कस्टम हायरिंग केंद्र में रखना अनिवार्य किया गया था। इसमें केवल एक ही कम्पनी की मशीनें सूची में थीं। अब संशोधन के पश्चात् ब श्रेणी के दो तथा स श्रेणी के 26 कृषि यंत्रों को ऐच्छिक कर दिया गया है। आवेदक कृषक अपनी लागत सीमा के तहत यंत्र क्रय कर सकते हैं।

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