राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

आईसीएआर में वैज्ञानिकों की नियुक्तियों पर आरोप निराधार: संगठन ने दी सफाई

31 दिसंबर 2024, नई दिल्ली: आईसीएआर में वैज्ञानिकों की नियुक्तियों पर आरोप निराधार: संगठन ने दी सफाई – भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने कृषि वैज्ञानिकों की नियुक्तियों में अनियमितताओं के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। ये आरोप 27 दिसंबर 2024 को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में लगाए गए थे, जिसमें आईसीएआर की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए और जांच की मांग की गई थी।

आईसीएआर, जो कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग के तहत कार्य करता है, ने स्पष्ट किया कि नियुक्ति प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई है। परिषद ने कहा कि सभी भर्तियां संबंधित प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत मॉडल योग्यता के तहत की गई हैं।

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मीडिया रिपोर्ट्स में लगाए गए आरोप

27 दिसंबर 2024 को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में आरोप लगाया गया था कि आईसीएआर में कृषि वैज्ञानिकों की नियुक्तियों के लिए निर्धारित योग्यता मानदंडों में बदलाव किया गया है। इन रिपोर्ट्स में आईएआरआई के निदेशक पद पर हुई नियुक्ति को लेकर विशेष रूप से सवाल उठाए गए और जांच की मांग की गई।

नियुक्तियों में योग्यता में बदलाव का आरोप गलत

आईसीएआर ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के निदेशक पद के लिए योग्यता मानदंड में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 2019 में पूर्व निदेशक डॉ. ए.के. सिंह की नियुक्ति भी इन्हीं योग्यताओं के आधार पर हुई थी, जो जून 2024 में सेवानिवृत्त हुए। परिषद ने यह भी जोड़ा कि पिछले पांच वर्षों में वैज्ञानिक पदों के लिए योग्यता मानदंड में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

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आईसीएआर, कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग के तहत भारत का प्रमुख वैज्ञानिक संगठन है। यह देशभर में 102 संस्थानों और 71 कृषि विश्वविद्यालयों के माध्यम से कृषि अनुसंधान, शिक्षा और विस्तार गतिविधियों का नेतृत्व करता है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री इसके अध्यक्ष हैं।

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डॉ. चेरुकुमल्ली श्रीनिवास राव की नियुक्ति पर सफाई

आईसीएआर ने डॉ. चेरुकुमल्ली श्रीनिवास राव की नियुक्ति से संबंधित आरोपों को भी खारिज किया। उन्होंने कहा कि डॉ. राव ने आईएआरआई के निदेशक का कार्यभार तभी संभाला, जब वे राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी (एनएएआरएम), हैदराबाद के निदेशक पद से औपचारिक रूप से मुक्त हो गए।

परिषद के अनुसार, यह प्रक्रिया पूरी तरह से नियमों के तहत और ई-मेल व ई-ऑफिस मोड के माध्यम से पूरी की गई। आईसीएआर ने इस प्रक्रिया को अचानक और अप्रत्याशित कहे जाने को अनुचित और भ्रामक करार दिया।

आईसीएआर ने स्पष्ट किया कि निदेशक पद के लिए चयन प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती गई। मॉडल योग्यता मानदंड का पालन करते हुए, सक्षम प्राधिकरण द्वारा सभी भर्तियों को अनुमोदित किया गया।

आईसीएआर ने कहा कि कुछ असंतुष्ट तत्व अपने निहित स्वार्थों के लिए अफवाहें फैला रहे हैं और संगठन की छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं। परिषद ने मामले को गलत तरीके से पेश करने वालों से सार्वजनिक माफी की मांग की है।

आईसीएआर ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में वैज्ञानिक पदों के लिए 200 से अधिक नियुक्तियां की गई हैं, और इनमें से किसी भी नियुक्ति में योग्यता मानदंड में बदलाव नहीं किया गया है।

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आईसीएआर ने इस विवाद पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि संगठन की छवि को धूमिल करने के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। परिषद ने मीडिया से भी अपील की कि वे तथ्यात्मक और निष्पक्ष रिपोर्टिंग करें।

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