राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

चिंता की बात! आखिर इतना क्यों घट गया चीनी का उत्पादन

20 फ़रवरी 2025, नई दिल्ली: चिंता की बात! आखिर इतना क्यों घट गया चीनी का उत्पादन – यह चिंता की ही बात होगी कि भारत में चीनी का उत्पादन घट गया है। इसका असर निश्चित ही आम लोगों पर भी पड़ेगा क्योंकि उत्पादन घटने के बाद मांग तो बढ़ेगी ही वहीं इस कारण चीनी के भाव भी तेज होने की बात से इनकार नहीं किया जा सकता है।

जो जानकारी प्राप्त हुई है उसके अनुसार  मार्केटिंग सीजन 2024-25 में फरवरी के मध्य तक भारत का चीनी उत्पादन 12 प्रतिशत घटकर 197 लाख टन रह गया है, जिसका मुख्य कारण महाराष्ट्र और कर्नाटक में कम उत्पादन है। उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन में भी कमी देखी गई। इसके अतिरिक्त, इथेनॉल की और चीनी का डायवर्सन लगभग 14.1 लाख टन तक बढ़ गया।

Advertisement
Advertisement

इंडियन शुगर एंड बायो एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में समाप्त होने वाले चालू विपणन वर्ष में 15 फरवरी तक भारत का चीनी उत्पादन 12 प्रतिशत गिरकर 197 लाख टन रह गया, जिसका मुख्य कारण महाराष्ट्र और कर्नाटक में कम उत्पादन है। चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितम्बर तक चलता है। चीनी उत्पादन का डाटा इथेनॉल बनाने के लिए स्वीटनर के डायवर्सन के बाद का है। इंडियन शुगर एंड बायो एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने अपने एक बयान में कहा कि चालू 2024-25 विपणन वर्ष में 15 फरवरी, 2025 तक चीनी उत्पादन 197.03 लाख टन तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 224.15 लाख टन था। आंकड़ों से पता चला है कि उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन 67.77 लाख टन से गिरकर 64.04 लाख टन हो गया है।समीक्षा के समय में महाराष्ट्र में उत्पादन 79.45 लाख टन से घटकर 68.22 लाख टन रह गया, जबकि कर्नाटक में उत्पादन 43.20 लाख टन से गिरकर 35.80 लाख टन रह गया।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

Advertisement8
Advertisement

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement