आखिर क्या है चीनी लहसुन, सेहत के लिए कितना नुकसानदायक
25 सितम्बर 2024, नई दिल्ली: आखिर क्या है चीनी लहसुन, सेहत के लिए कितना नुकसानदायक – जिस तरह से चीनी लहसुन के बारे में लोग हर दिन जानकारी प्राप्त कर रहे है उससे यह सवाल जरूर खड़ा हो रहा है कि आखिर ये लहसुन है क्या और इसके सेवन करने से शरीर या सेहत को क्या नुकसान हो सकता है।
चाइनीज लहसुन में कई तरह के हानिकारक केमिकल्स का उपयोग किया जाता है। वहीं, चाइनीज लहसुन को उगाने में मेटल, लेड और क्लोरीन का उपयोग किया जाता है। लोगों को ये पता भी नहीं है कि वो जिसे लहसुन समझकर खा रहे हैं, वो नकली है। क्योंकि चाइनीज लहसुन का स्वाद असली जैसा ही होता है। इसलिए कुछ लोग इसमें आसानी से फर्क नहीं कर पाते। ये लहसुन दिखने में ज्यादा सफेद और इसकी कलियां ज्यादा मोटी होती हैं। इस लहसुन को छीलना भले ही आसान होता है, लेकिन ये हानिकारक है।
दरअसल, कई वर्षों से लगे जारी बैन के बावजूद इन दिनों भारतीय बाजार में धड़ल्ले से चीनी लहसुन मिल रहे हैं। बता दें कि भारत में साल 2014 से चीनी लहसुन बैन है, लेकिन फिर भी यह देश के कई राज्यों की सब्जी मंडियों में घुस गया है। बाजार में मिलने वाले चीन के यह लहसुन आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
क्या है चीनी लहसुन
एलियम सैटिवम यानी लहसुन को ‘मैजिकल स्पाइस’ कहा जाता है। यह भारतीय भोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हालांकि, बाजार में मिलने वाला चीनी लहसुन आपके खाने का जायका जरूर बढ़ाता है, लेकिन सेहत नासाज बना सकता है। दरअसल, चीनी लहसुन की खेती करने के लिए अक्सर आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें केमिकल और कीटनाशकों का बड़ी मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही चीनी लहसुन में सिंथेटिक पदार्थ भी होते हैं, जो खतरनाक हो सकते हैं।
लहसुन की पहचान
अगली बार आप जब भी अपनी रसोई के लिए लहसुन खरीदने जाएं, तो चीनी लहसुन की पहचान करने के लिए कुछ बातों को जरूर ध्यान रखें। चीनी लहसुन का आकार आमतौर पर छोटा होता है, जिसका रंग हल्का सफेद और गुलाबी होता है। भारतीय लहसुन की तुलना में इसकी सुगंध हल्की होती है। वहीं भारतीय लहसुन अपनी तेज और तीखी गंध के लिए जाना जाता है।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: