राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

खरीफ 2024 में खाद्यान्न उत्पादन में 6.81 प्रतिशत की वृद्धि, चावल, मक्का, ज्वार फसलों में उच्च उत्पादन-केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह

09 मई 2025, नई दिल्ली: खरीफ 2024 में खाद्यान्न उत्पादन में 6.81 प्रतिशत की वृद्धि, चावल, मक्का, ज्वार फसलों में उच्च उत्पादन-केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह – केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 8 मई को हुए राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन-खरीफ 2025 अभियान में पत्रकारों से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने खरीफ की बुआई पूर्व  कृषि मंत्रालय की तैयारियों व रणनीतियों के बारे में जानकारी दी।

खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि राज्यों के बेहतर प्रदर्शन, किसानों की मेहनत के कारण खरीफ के रकबे में वृद्धि हुई है, चावल का क्षेत्रफल 2024-25 में 43.42 मिलियन हेक्टेयर हो गया है। चावल का उत्पादन भी खरीफ 2024-25 में 120.68 मिलियन टन हो गया है। इसी तरह, मक्का का क्षेत्रफल खरीफ 2024-25 में 8.44 मिलियन हेक्टेयर हो गया और उत्पादन इस वर्ष  24.81 मिलियन टन हो गया है। 

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श्री चौहान ने बताया कि खरीफ 2024 में कुल खाद्यान्न उत्पादन में पिछले वर्ष की तुलना में 6.81 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसमें चावल, मक्का और ज्वार आदि फसलों में उच्च उत्पादन देखा गया है। उन्होंने कहा कि विपरीत जलवायु परिस्थितियों के बावजूद हमारे खाद्यान्न का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है।

बीज की उपलब्धता

श्री चौहान ने कहा कि खरीफ में आवश्यकता से ज्यादा 178.48 लाख क्विंटल बीज उपलब्ध है, जो कि 164.254 लाख क्विंटल की आवश्यकता से अधिक है। उन्होंने कहा कि सीड रिपलेसमेंट की दर बढ़ रही है, जो कि एक अच्छी बात है।

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उर्वरकों की व्यवस्था

श्री चौहान ने कहा कि देश के किसानों के लिए यूरिया, डीएपी, एनपीके की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि विदेश में बढ़ रही कीमत के बावजूद सब्सिडी किसानों को मिल रही है।

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प्राकृतिक कृषि मिशन

श्री चौहान ने कहा कि रासायनिक उर्वरकों के कुप्रभावों से बचने के लिए प्राकृतिक कृषि मिशन भारत सरकार ने बनाया है। उन्होंने कहा कि 33 राज्यों का एनुयल एक्शन प्लान आ गया है और 7.78 लाख हेक्टेयर में 15,560 क्लस्टर बनाए जाएंगे।

सिंधु जल समझौता

श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने भेदभावपूर्ण सिंधु जल समझौते को रद्द किया है, जिसका लाभ किसानों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि अधिक पानी के कारण उत्पादकता बढ़ेगी, बाढ़ नियंत्रण जैसे काम भी बेहतर होंगे और किसानों को बिजली भी मिलेगी।( Box mein )

हमारे 16 हजार वैज्ञानिक हैं, हमने तय किया है कि हम 4-4 वैज्ञानिकों की एक टीम बनाएंगे और 29 मई से वैज्ञानिकों की टीमें और पूरा अमला किसानों के बीच जाएगा

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