अमेज़ॅन अब खेती बाड़ी में क्यों ?
10 सितम्बर 2021, अमेज़ॅन अब खेती बाड़ी में क्यों ? – तमाम बाधाओं का सामना करते हुए, कई अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजारों में नई सम्भावनाये तलाश रही हैं. उन्हें कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ रहा है. अमेरिका की ऐसी ही एक कम्पनी अमेज़ॅन है. इस कम्पनी को भारत के बाजार में काम कर रही विदेशी स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए बनाये गए नए नियमो से लेकर इसकी एक प्रमुख वीडियो वेब श्रृंखला “तांडव” तक समाज के विभिन्न वर्गों के कई लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा है।
भारत एक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। फॉरेस्टर रिसर्च के अनुसार, भारत का ऑनलाइन बाजार 2024 तक $85.3 बिलियन (लगभग 62740 करोड़ रूपये) होने की उम्मीद है। देश में रोज नए ई-कॉमर्स ग्राहक तैयार हो रहे हैं जो अमेज़न जैसी कम्पनी के लिए अच्छे खासे अवसर प्रदान करते हैं. दूसरा कारण यह है कि ये अमेरिकी कंपनियां भारत से पहले चीन में किस्मत आजमा चुकी हैं और सख्त कायदे कानून के चलते वहाँ से उलटे पाँव वापस लौट गई हैं।
अमेज़ॅन के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी जेफ बेजोस लंबे समय से ई कॉमर्स आधारित ग्राहकों के बाजारों पर नज़र जमाये हुए हैं. उनकी कम्पनी अमेज़ॅन खरीदारों, पाठकों और उपयोगकर्ताओं से डेटा इकठ्ठा करती है और कोशिश करती है कि ग्राहक की जेब से उपलब्ध हर पैसा कमाया जा सके। उनकी कम्पनी न केवल योजना और सटीक व्यवसाय रणनीति के साथ बाजार में उतरती है बल्कि वह बाज़ार के खास क्षेत्रों का चयन भी करती कि किस बाजार और किस क्षेत्र में उतरना है।
कुछ महीने पहले कंपनी ने अमेरिका में फल और सब्जी की सबसे बड़ी कंपनी ग्रोसर होल फूड्स मार्केट खरीदने का सौदा किया था। इसी तरह, इसने भारत के 400 शहरों में 1500 से अधिक सुपरमार्केट, स्नैक शॉप और फैशन आउटलेट के बड़े नेटवर्क वाली फ्यूचर ग्रुप की के बिग बाजार ब्रांड को खरीदने का एक 200 मिलियन डॉलर का करार किया था. यह करार इसलिए था ताकि वह भारत सरकार के विदेशी मालिकाना हक़ वाली कंपनियों के लिए बनाये गए नए नियमों की हद से बाहर हो सके।
लेकिन इसमें मुकेश अंबानी द्वारा नियंत्रित रिलायंस इंडस्ट्रीज बीच में आ गई. रिलायंस ने अमेज़ॅन को दरकिनार करते हुए फ्यूचर ग्रुप को 3.4 बिलियन डॉलर में खरीदने का सौदा कर डाला।
अमेज़ॅन अब सिंगापुर में मध्यस्थता के माध्यम से तो सौदे को रोकने की कोशिश कर ही रही थी उसने भारत के सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया और गुहार लगाई की सुप्रीम कोर्ट सिंगापुर की मध्यस्थता पूरी होने तक सौदे को रोक दे।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में रिलायंस के इस सौदे को रोकने के लिए अमेज़ॅन के पक्ष में फैसला सुनाया। इससे भारत के लगभग 900 बिलियन डॉलर के खुदरा बाजार की ओर कंपनी की महत्वाकांक्षी योजनाओं को एक नया बल मिला।
कानूनी विशेषज्ञों की राय में सर्वोच्च न्यायालय ने विदेशी व्यवसायों को भारत में उनके उद्यमों के लिए एक तरह से सहारा दिया, जहां सरकार के पास कई उद्योगों में विदेशी निवेश सीमित है।
अदालत ने कहा कि सिंगापुर में एक मध्यस्थ द्वारा एक अंतरिम निर्णय, जिसने रिलायंस इंडस्ट्रीज को फ्यूचर ग्रुप की 3.4 बिलियन डॉलर की बिक्री को प्रभावी ढंग से रोक दिया था, भारत में वैध है और प्रभावी माना जावे।
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार यह विदेशी कम्पनी के लिए अपने आप में एक ऐतिहासिक निर्णय है क्योंकि अभी तक विदेशी कम्पनिया भारत में व्यापार करना मुश्किल ही मानती हैं।
हांलाकि अमेजन की मुश्किलें अभी कम नहीं हुई हैं. अमेज़ॅन को अभी भी फ्यूचर ग्रुप की एक इकाई के साथ सौदे में सरकारी एंटीट्रस्ट वॉचडॉग की जांच का सामना करना पड़ रहा है। हाल के दिनों में, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने अमेज़ॅन को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसमें कंपनी पर फ्यूचर रिटेल में अपनी रुचि के बारे में स्पष्ट नहीं होने का आरोप लगाया, जब एजेंसी ने 2019 में सौदे पर हस्ताक्षर किए थे।
फैसले की शुरुआती सफलता से उत्साहित, अब अमेज़न भारतीय कृषि क्षेत्र पर नज़र गड़ाए हुए है जहाँ वह फ्यूचर ग्रुप के बिग बाजार को खरीदने के बाद अपने स्टोर्स पर साग सब्जी से लेकर कृषि के अन्य उपकरण बेच सकती है. अमेज़ॅन ने किसानों की मदद करने और यहां तक कि कृषि में मशीन लर्निंग तकनीक को लागू करने के लिए एक मोबाइल ऐप के माध्यम से रीयल-टाइम सलाह और जानकारी देना शुरू कर दिया है।
भारतीय ऑनलाइन कॉमर्स पर हावी होने के लिए फलों, सब्जियों और अन्य किराने के सामान की एक स्थिर सुनिश्चित आपूर्ति को सुरक्षित करना महत्वपूर्ण माना जाता है।
जब तक अमेज़ॅन, वालमार्ट और रिलायंस जैसी कंपनियां अन्य कृषि उत्पादों के बाजार में नहीं उतरते, वे ई-कॉमर्स के बाजार में कुछ बड़ा हासिल नहीं कर सकते. ये कंपनियां जानती हैं कि किसानों के साथ मजबूत संबंध बनाकर जमीनी स्तर पर सद्भावना हासिल करने से उन्हें स्थिर कीमतों पर साल भर अनुमानित, गुणवत्तापूर्ण उपज प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
अमेज़ॅन ने किसानों के लिए मोबाइल ऐप बनाया है जो मिट्टी, कीट, मौसम, बीमारी सम्बन्धी चेतावनी देने के अलावा अन्य फसल से संबंधित सवालों के जवाब दे रहा है. अमेज़ॅन एक ऐसी व्यवस्था भी विकसित करेगा जिसमे किसानों को अमेज़ॅन फ्रेश पूर्ति केंद्रों तक परिवहन के लिए उत्पाद को छाँटने, ग्रेडिग करने और पैक करने में मदद मिल सके ।
मगर इस तरह का प्रयास बहुत समय लेते हैं और और अमेज़ॅन और अन्य कंपनियों को परिणाम देखने में सालों लग सकते हैं।
-शशिकांत त्रिवेदी
वरिष्ठ पत्रकार