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फसलों के लिए लाभकारी सदगुरु के तीन उत्पाद

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02 नवम्बर 2020, इंदौर। फसलों के लिए लाभकारी सदगुरु के तीन उत्पाद सदगुरु केमिकल्स एन्ड फर्टिलाइजर के तीन उत्पाद त्रिशूल, त्रिशूल सुपर स्टार और मैजिक प्लस खरीफ फसलों के अलावा चना, सूर्यमुखी,आलू एवं फल की फसलों के लिए बहुत लाभकारी हैं. त्रिशूल उत्पाद के प्रयोग से जहाँ फूल-फल और पत्तियों का गिरना रुक जाता है, वहीं त्रिशूल सुपर स्टार से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है. मैजिक प्लस ऐसा शक्तिशाली जीवोत्तेजक आर्गेनिक फर्टिलाइजर है, जो स्टीम्युलेशन का कार्य करता है।

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फसलों को झडऩे से रोकता त्रिशूल: त्रिशूल, त्रिशूल सुपर स्टार और मैजिक प्लस की विशेषताएं और प्रयोग विधि बताते हुए सदगुरु केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर के निदेशक श्री वीरेन्द्र होल्कर ने बताया कि खरीफ फसलों सोयाबीन, कपास, मूंगफली और मिर्च के अलावा चना, सूर्यमुखी,आलू, आम, संतरा आदि सभी में फल-फूल झड़ते रहते हैं, जिससे उत्पादन कम होता है. ऐसे में पौधों में कली दिखने के समय त्रिशूल उत्पाद का प्रयोग वरदान की तरह कार्य कर फूल एवं फलों को झडऩे से रोकता है. इसका बीज अंकुरण के 20 दिन पश्चात प्रत्येक 20 दिन में और पूर्ण फसल चक्र में 3 -4 बार छिड़काव करना चाहिए. यह ह्यूमिक एसिड, एंजाइम और प्रोटीन का बेहतरीन सम्मिश्रण है, जो पत्तियों के पीलेपन या काले धब्बे आने की समस्या को दूर करता है. इसके उपयोग से बीज अंकुरण जल्दी होता है, ज्यादा शाखाएं और पत्तियां चौड़ी होती हैै।

त्रिशूल सुपर स्टार: श्री होल्कर ने कहा कि इसके दानेदार के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता और जल ग्रहण क्षमता बढ़ती है. इसमें मौजूद घटकों से पौधों को समय-समय पर भोजन मिलता है, जिससे फूल, फल एवं पत्तियों का गिरना रुक जाता है और पैदावार बढ़ती है.यह उत्पाद सभी प्रकार की फसलों के खाद के साथ उपयोगी है. ज्वार, मक्का, सोयाबीन, कपास, मूंगफली, मिर्च, चना, सूर्यमुखी आलू, आम, संतरा, गन्ना, धान, मटर, प्याज,लहसुन,केला, निम्बू, पपीता, अफीम और अन्य सभी औषधीय वनस्पति, सब्जियों एवं फूल की खेती के लिए बेहद उपयोगी उत्पाद है. इसका इस्तेमाल 6 किलो /एकड़ की दर से करना चाहिए।

त्रिशूल मैजिक प्लस : श्री्र होल्कर ने बताया कि यह एक शक्तिशाली जीवोत्तेजक आर्गेनिक फर्टिलाइजर है, जो स्टीम्युलेशन का कार्य करता है.एमिनो एसिड और विटामिन के साथ संयोजन करता है.यह अवशोषण के द्वारा पौधों एवं कोसो पर असर दिखाता है.यह बिना परिवर्तन हुए सभी बाधाओं को पार कर पौधों में समा जाता है. थयोप्रोलाइम फार्मोयुलसिस्टीन तथा एल. सिस्टीन में परिवर्तित हो जाता है. यह विविध भौतिक और रासायनिक प्रक्रियाओं को सक्रिय बनाकर एंजाइम, विटामिन जैसे कार्यशील कणों की वृद्धि करता है, जिससे उत्पादकता वृद्धि, पौधों का विकास और उपज अधिक होती है।

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