सहकारिता में डिजिटलीकरण और नवाचार से प्रगति: सहकारी बैंकों के लिए आयुक्त के निर्देश
16 जनवरी 2025, भोपाल: सहकारिता में डिजिटलीकरण और नवाचार से प्रगति: सहकारी बैंकों के लिए आयुक्त के निर्देश – मध्य प्रदेश अपेक्स बैंक के समन्वय भवन में राज्य के 47 नागरिक सहकारी बैंकों और 17 परिसमापनासीन बैंकों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक, सहकारी संस्थाएँ, श्री मनोज पुष्प ने बैंकों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से उनकी कार्यप्रणाली और व्यवहारिक कठिनाइयों पर विस्तार से चर्चा की।
श्री पुष्प ने निर्देश दिया कि सभी बैंक व्यवसाय संवर्धन के लिए समयबद्ध कार्ययोजना तैयार करें। उन्होंने कहा, “भारत सरकार के ‘सहकार से समृद्धि’ मंत्र को साकार करने के लिए प्रभावी कदम उठाना जरूरी है। इसके लिए तकनीकी संसूचना माध्यम से जुड़ें, ताकि शासन और भारतीय रिजर्व बैंक के नीति-निर्देशों की जानकारी तुरंत मिल सके।” उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि व्यवसाय वृद्धि के लिए डिजिटल माध्यमों का अधिकतम उपयोग किया जाए और डिजिटल प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
बैठक के दौरान सहकारी बैंकों की प्रमुख चुनौतियों पर भी चर्चा हुई। मुख्य कार्यपालन अधिकारियों ने डिजिटलीकरण के लिए अपर्याप्त तकनीकी संरचना, ग्राहकों के बीच डिजिटल सेवाओं की सीमित स्वीकृति, निधियों की कमी और ऋण वसूली में कठिनाई जैसी समस्याएँ सामने रखीं। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों का पालन करते हुए उन्हें प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। इन चुनौतियों के समाधान के लिए श्री पुष्प ने कहा कि राज्य सरकार विशेष योजनाओं पर काम कर रही है और जरूरतमंद बैंकों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक के महाप्रबंधक श्री राजदीप चक्रवर्ती और श्री पराग ने अंतर्संप्रेषण के माध्यम से बैंकों को नए दिशा-निर्देशों की जानकारी दी। उन्होंने डिजिटल लेनदेन की सुरक्षा, ग्राहक डेटा प्रबंधन और जोखिम नियंत्रण के उपायों को प्राथमिकता देने की बात कही। श्री पुष्प ने सहकारी बैंकों को इन निर्देशों का पालन करते हुए ग्राहकों की सेवा में सुधार लाने पर जोर दिया।
अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक श्री मनोज गुप्ता ने कहा कि सहकारी बैंकों को नवाचार और उत्कृष्ट कार्यप्रणाली अपनाकर प्रगति पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि हर साल 5 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस, 6 जुलाई को केंद्र में सहकारिता मंत्रालय स्थापना दिवस और 14 से 20 नवंबर के बीच सहकारी सप्ताह के तहत सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियाँ आयोजित की जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि बाकी समय में सहकारी बैंकों को अपनी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने और ग्राहकों की संतुष्टि बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
बैठक में अपेक्स बैंक ट्रेनिंग कॉलेज के प्राचार्य और सेवानिवृत्त अपर आयुक्त ने सहकारी बैंकों को प्रतिस्पर्धा के इस दौर में डिजिटलीकरण को अपनाने और बेहतर परिणाम प्राप्त करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकों के साथ कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना बेहद जरूरी है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यदि किसी बैंक को सहयोग की आवश्यकता हो, तो वह हर संभव मदद के लिए तैयार हैं।
बैठक में 17 परिसमापनासीन बैंकों की स्थिति पर भी चर्चा हुई। अधिकारियों ने बताया कि इन बैंकों के परिसमापन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है और आवश्यकतानुसार ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। श्री पुष्प ने निर्देश दिए कि इन बैंकों की परिसमापन प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए।
मध्य प्रदेश शासन के उप सचिव सहकारिता, श्री मनोज सिन्हा ने बैठक में बताया कि भारत सरकार ने 2025 को “अंतर्राष्ट्रीय सहकारी वर्ष” के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस अवसर को सफल बनाने के लिए विशेष योजनाएँ बनाई जाएंगी। उन्होंने सहकारी बैंकों से अनुरोध किया कि वे इस अवसर का लाभ उठाते हुए अपनी सेवाओं में नवाचार और सुधार लाने का प्रयास करें।
बैठक में प्रदर्शन मापने के लक्ष्य पर भी चर्चा की गई। श्री पुष्प ने कहा कि बैंकों को समयबद्ध कार्ययोजना बनाते समय स्पष्ट प्रदर्शन लक्ष्यों को परिभाषित करना चाहिए। उन्होंने बैंकिंग सेवाओं में ग्राहक संतुष्टि, डिजिटल लेनदेन में वृद्धि और ऋण वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि इन लक्ष्यों के माध्यम से बैंकों की प्रगति को नियमित रूप से मापा जाएगा।
बैठक का संचालन संयुक्त आयुक्त श्री अरुण मिश्र ने किया। इस दौरान अन्य वरिष्ठ अधिकारी, जैसे श्री बृजेश शुक्ला, श्री अम्बरीष वैद्य, श्री डी.पी. सिंह और श्री आर.एस. विश्वकर्मा भी उपस्थित रहे।
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