बायर की बड़ी पहल! पंजाब के 42,000 मक्का किसानों को नई तकनीकों की ट्रेनिंग
22 फ़रवरी 2025, पंजाब: बायर की बड़ी पहल! पंजाब के 42,000 मक्का किसानों को नई तकनीकों की ट्रेनिंग – कृषि क्षेत्र में सक्रिय कंपनी बायर ने हाल ही में पंजाब में स्प्रिंग कॉर्न फेस्टिवल का आयोजन किया, जिसमें 42,000 से अधिक किसानों ने भाग लिया। यह फेस्टिवल 7 जनवरी से 4 फरवरी के बीच राज्य के विभिन्न जिलों में चला, जहां 190 से ज्यादा ट्रेनिंग और संवाद सत्र आयोजित किए गए। इन कार्यशालाओं का उद्देश्य किसानों को मक्का की बेहतर पैदावार और आधुनिक खेती के तौर-तरीकों की जानकारी देना था।
कार्यशालाओं का आयोजन फतेहगढ़ साहिब, लुधियाना, पटियाला, मलेरकोटला, संगरूर, बठिंडा, श्री मुक्तसर साहिब, जालंधर, कपूरथला, होशियारपुर और मोगा समेत कई जिलों में किया गया। इसमें किसानों को सतत कृषि, फसल प्रबंधन और सटीक खेती (प्रिसाइजन फार्मिंग) जैसी तकनीकों पर प्रशिक्षण दिया गया।
मक्का भारत की तीसरी सबसे बड़ी अनाज फसल है और इसका राष्ट्रीय जीडीपी में लगभग 400 अरब रुपये का योगदान है। पंजाब में तीन-फसल चक्रण प्रणाली (थ्री-क्रॉप रोटेशन सिस्टम) में मक्का की भूमिका बढ़ रही है। कार्यशालाओं में किसानों को उन्नत हाइब्रिड बीजों, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन और बाजार से जुड़ाव के बारे में जानकारी दी गई।
उन्नत बीज और खेती की तकनीक पर जोर
इस दौरान बायर के डीकाल्ब स्प्रिंग हाइब्रिड्स को प्रदर्शित किया गया, जो 80-85% हाई स्टार्च कंटेंट के कारण एथेनॉल उत्पादन और साइलेज उद्देश्यों के लिए अनुकूल माने जाते हैं। ये हाइब्रिड बीज लचीले बोआई समय और अलग-अलग मिट्टी में उपजने की अनुकूलता के कारण किसानों को बेहतर रिटर्न देने में मदद कर सकते हैं।
बायर (भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका) के क्रॉप साइंस डिवीजन के क्लस्टर कॉमर्शियल लीड मोहन बाबू ने कहा, “हम किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों और पर्यावरण के अनुकूल खेती के तरीकों से परिचित कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। स्प्रिंग कॉर्न फेस्टिवल के माध्यम से हमने किसानों को उपज बढ़ाने, बाजार से जुड़ने और खेती में नई संभावनाओं की जानकारी दी।”
लुधियाना जिले के ग्रेवाल गांव के किसान जगमिंदरपाल सिंह ने बताया, “कार्यशालाओं में मिली जानकारी से मेरी खेती के तरीकों में सुधार होगा। नई तकनीकों को समझकर मुझे बाजार की मांग के अनुसार अपनी खेती को ढालने में मदद मिलेगी।”
अन्य राज्यों तक पहुंची ट्रेनिंग
पंजाब के बाद, उत्तर प्रदेश में भी 15 फरवरी तक इसी तरह के प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए, ताकि अधिक किसानों को आधुनिक खेती की जानकारी मिल सके।
बायर अपने फिजिटल नॉलेज शेयरिंग एप्रोच के माध्यम से किसानों को तकनीकी जानकारी और कौशल प्रदान कर रहा है। कंपनी का लक्ष्य छोटे किसानों को सही निर्णय लेने और खेती को अधिक लाभदायक बनाने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना है।
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