कम्पनी समाचार (Industry News)

PMFAI की छप्पनवीं वार्षिक आम बैठक मुंबई में आयोजित

28 नवंबर 2024, मुंबई: PMFAI की छप्पनवीं वार्षिक आम बैठक मुंबई में आयोजित –  भारत की कीटनाशक निर्माता एवं फॉर्मूलेटर एसोसिएशन (पीएमएफएआई/PMFAI) की 56वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) और उद्योग सम्मेलन का आयोजन मुंबई में हुआ। इस अवसर की शुरुआत एक भावपूर्ण क्षण से हुई, जब सदस्यों ने घरदा केमिकल्स लिमिटेड के संस्थापक और चेयरमैन पद्म भूषण डॉ. के.एच. घरदा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मौन रखा। डॉ. घरदा का 30 सितंबर 2024 को निधन हो गया था। भारतीय रसायन और कृषि रसायन उद्योग में उनके अभूतपूर्व योगदान और समाज कल्याण के लिए उनके प्रयासों को इस दौरान याद किया गया।

पीएमएफएआई के अध्यक्ष श्री प्रदीप डेव ने स्वागत भाषण देते हुए संगठन के 56 वर्षों के महत्वपूर्ण योगदानों पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारतीय कृषि, कृषि रसायन क्षेत्र और किसानों के कल्याण में पीएमएफएआई की महत्वपूर्ण भूमिका का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बन चुका है और 2023-24 में रिकॉर्ड 332 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन हासिल किया है। इसके साथ ही, भारत ने 2022-23 में ₹44,000 करोड़ से अधिक के कृषि रसायनों के निर्यात के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश होने का गौरव भी हासिल किया है।

महाराष्ट्र के कृषि निदेशक श्री सुनील बोरकर ने किसानों को फसल सुरक्षा उत्पादों के सुरक्षित और प्रभावी उपयोग के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने एक ऐसा सोशल मीडिया एप्लिकेशन विकसित करने का सुझाव दिया, जो कीट और रोगों की पहचान कर उचित फसल सुरक्षा उपाय सुझा सके। साथ ही, उन्होंने मानक-विहीन उत्पादों से निपटने और लेबल क्लेम अनुमोदन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए उद्योग में व्यापक सहयोग की अपील की।

आईपीएफटी (इंस्टीट्यूट ऑफ पेस्टिसाइड फॉर्मूलेशन टेक्नोलॉजी) के निदेशक डॉ. मोहन कृष्ण रेड्डी मुदियम ने “नई पीढ़ी के कृषि रसायन फॉर्मूलेशन और आईपीएफटी की भूमिका” पर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने उन्नत फॉर्मूलेशन और आईपीएफटी द्वारा दी जाने वाली सेवाओं की जानकारी साझा की।

बैठक के दौरान, पीएमएफएआई के नेताओं ने पिछले वर्ष के प्रमुख प्रयासों पर अपडेट दिया। इसमें मुख्य रूप से निम्नलिखित विषय शामिल थे:

  • पेस्टिसाइड मैनेजमेंट बिल (पीएमबी) 2020: नियामक डेटा सुरक्षा प्रावधानों के खिलाफ चल रहे प्रयास और विधेयक को संसद में पारित करने की प्रक्रिया को तेज करना।
  • क्लोरपाइरीफोस विनियमन: स्टॉकहोम कन्वेंशन की एनेक्स-ए सूची में शामिल होने के बावजूद, सरकार के समर्थन से विशेष छूट प्राप्त कर इसे पांच वर्षों तक जारी रखने की अनुमति मिली।
  • पर्यावरण मानक: कीटनाशक उद्योग के लिए कड़े उत्सर्जन मानदंडों को संशोधित कर उन्हें व्यावहारिक सीमा तक लाने का प्रयास।
  • एचएस कोड वर्गीकरण: तकनीकी-ग्रेड कीटनाशकों और फॉर्मूलेशन के लिए अलग वर्गीकरण बनाकर आयात को बेहतर तरीके से विनियमित करने और स्थानीय निर्माताओं को समर्थन देने की दिशा में प्रगति।
  • राज्य स्तरीय विधेयकों का विरोध: महाराष्ट्र के प्रस्तावित संशोधनों का विरोध, जिसमें कृषि रसायन क्षेत्र के लिए आपराधिक जिम्मेदारी तय करने की योजना थी।

पीएमएफएआई की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया गया। पिछले वर्ष संगठन ने 80 छात्रों को ₹15 लाख की छात्रवृत्तियां प्रदान कीं, जिसमें प्राथमिकता कृषि अध्ययन कर रही लड़कियों और दिव्यांग व्यक्तियों को दी गई। इसके अलावा, किसानों और कीटनाशक निर्माण क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए ₹20 लाख की चिकित्सा सहायता प्रदान की गई। पीएमएफएआई ने आदिवासी किसानों के बच्चों के लिए एक स्कूल भवन निर्माण में ₹29 लाख का योगदान भी दिया।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements