उद्यानिकी (Horticulture)

गुलाब के प्रमुख कीड़े एवं बचाव

27 दिसम्बर 2022, भोपाल । गुलाब के प्रमुख कीड़े एवं बचाव

एफिड (चेंपा)– इस कीड़े का आक्रमण जनवरी-फरवरी में होता है। काले रंग के ये नन्हें कीड़े फूल पर व कलियों पर चिपके रहते हैं इस कीड़े के शिशु और प्रौढ़ दोनों ही कोशिकाओं का रस चूसते हैं इससे कलियां मुरझाकर गिर जाती हैं फूलों का आकार बढ़ता नहीं है और उनका आकार विकृत हो जाता है।

Advertisement
Advertisement

उपचार

  • कीट दिखने पर रोगोर (डायमिथियेट) अथवा मैलाथियान दवा का स्प्रे 2 मि.ली. दवा प्रति लीटर के हिसाब से छिडक़ाव करें। या
  • एक मिली लीटर मेटासिड (मिथाइल पैराथियान) को 1 लीटर पानी में मिलाकर छिडक़ाव करें।

थ्रिप्स- यह कीट फूलों को बहुत नुकसान पहुंचाता है। वयस्क थ्रिप्स काले एवं भूरे रंग के तथा शिशु लाल रंग के होते हैं ये मार्च से नवम्बर तक पत्तियों की निचली सतह पर दिखाई देते हैं। इसके आक्रमण से पत्तियों पर भूरे रंग के धब्बे पड़ जाते हैं और पत्तियां सिकुड़ जाती हैं इसी प्रकार कलियां और फूल सिकुडक़र गिर जाते हैं।

Advertisement8
Advertisement

उपचार

Advertisement8
Advertisement
  • जब भी गोबर की खाद अथवा पत्ती की खाद का प्रयोग करें तो दवा का प्रयोग सिंचाई के साथ करें अथवा
  • साबुन के घोल में आधा प्याला मिट्टी का तेल डाल कर छिडक़ाव करें।
  • रोगोर (डायमिथियेट) 2 मिली लीटर दवा 1 लीटर पानी के हिसाब से छिडक़ाव करें।

रेड स्केल– यह एक अत्यंत हानिकारक कीट है जो तेजी से अपनी संख्या बढ़ाने के साथ ही पौधों का रस चूसकर उन्हें बेजान कर देता है। स्केल कीट प्राय: पहचानने में भी नहीं आता क्योंकि इसका रंग तने या छाल की तरह होता है। भूरे, लाल रंग का कीट पूरे पौधे पर फैलकर तने का रस चूसकर पौधे को मार डालता है। इसका प्रकोप जनवरी- फरवरी में कीट द्वारा भूमि के ऊपर पौधों पर चढक़र होता है।

उपचार

  • ट्राइजोफॉस 40 ईसी एक मिली. प्रति ली. पानी में घोल बनाकर साथ में स्टीकर का उपयोग जरूर करें।
  • कार्बोरिल का भी छिडक़ाव कर सकते हैं। इसके 2 दिन बाद कैप्टान 0.2 प्रतिशत का स्प्रे करना काफी लाभदायक रहता है।
  • कम पौधे हों तो स्प्रिट या मिट्टी के तेल में डाइक्लोरोवास दवा सूती कपड़े में भिगोकर रगड़ कर साफ कर दें इसे अत्यंत गंभीरता से ले और नियंत्रित करें।

चैपर बीटल- वयस्क कीड़े रात में पत्तियां खाते हैं जिससे पत्तियों पर जगह-जगह छिद्र हो जाते हैं।

उपचार

  • पेराथियान दवा 1 लीटर पानी में घोल कर छिडक़ाव करें।

जैसिड्स – जैसिड कीट बहुत महीन हल्के भूरे अथवा हरे पीले रंग के होते हैं। पत्तियों की ऊपरी सतह पर चिपक कर उसका रस चूसते हैं। अप्रैल-मई में इनकी संख्या बढ़ जाती है।

Advertisement8
Advertisement

उपचार

  • रोगोर (डायमिथियेट) 1 मि.ली. दवा प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिडक़ाव करना चाहिए।
  • इअर विग (कर्ण कीट)- ये कीट रात के समय पुष्पों की कोमल पंखुडिय़ां खा जाते हैं।
  • कार्बोरिल दवा का छिडक़ाव करें।

 ब्रिसटली रोज स्लग्स- इस कीट के लार्वा पत्तियों के निचले भाग को खाकर बड़े छिद्र बना देते हैं। इन्हें (केन बोरर) तना छेदक, पणऊ कीट या रोज कैटरपिलर कहते हैं। यह साफ्लाईस मक्खी कीट के लार्वा हैं यह हार्स फ्लाई जैसे दिखते हैं इनके 4 पंख होते हैं ये 1/2 इंच लम्बे, हरे-सफेद रंग के कीड़े ब्रस जैसे बालों से ढके रहते हैं। इनका आक्रमण बसंत में होता है।

उपचार

  • पत्तियों पर मैलाथियान या कार्बोरिल का छिडक़ाव बसंत आगमन से पूर्व 2-3 बार 15 दिन के अंतराल से करें।

निमेटोड (सूत्रकृमि)- ये सूक्ष्म आकार के होते हैं। इनका आक्रमण जड़ क्षेत्र को प्रभावित करता है पौधे कमजोर होने के साथ-साथ उनकी बढ़ोत्तरी रुक जाती है। फूल नहीं बनते, पत्तियां पीली पड़ जाती है निमेटोड नाम के ये जीव रंग विहीन होते हैं यह जड़ों के साथ तने पत्तों व कलियों पर भी संक्रमण कर जीवाणु फैलाते हैं।

उपचार

  • फ्यूराडान अथवा निमागोन दवा पौधों की रोपाई से 4-6 सप्ताह पहले क्यारियों में सिंचाई के पानी के साथ प्रयोग करें।

कैटरपिलर (सुंडियां) – ये भूरे रंग की सुंडियां पत्तियां खाती हैं।

उपचार

  • सप्ताह में एक बार कार्बोरिल का छिडक़ाव करें। संक्रमित कलियों और पत्तियों को जला दें।

रोज मिसीज- ये बहुत छोटे कीड़े होते हैं नर अथवा मादा वयस्क भुनगे की तरह उडऩे वाले और मटमैले, पीले या लाल रंग के होते हैं। ये पत्तियों, कलियों पर अंडे देते हैं इनका लार्वा इन पत्तियों और कलियों को खा जाते हैं। लार्वा एक सप्ताह में पूर्ण वयस्क बन जाता है।

उपचार

  • फूल खिलने पर कार्बोरिल, मैलाथियान दवा का छिडक़ाव करें।

स्पाइडर माइट्स- गुलाब पर रेडस्पाइडर माइट्स आक्रमण करती है। पत्ती के निचले भाग में रेशमी धागों का जाला सा बुनती है जिससे पत्ते पीले भूरे होकर सूख कर गिर जाते हैं। सितम्बर से जनवरी तक यह सक्रिय रहते हैं। लाल रंग की रेड स्पाइडर माइट्स (टेटरानाइचस प्रजाति) पत्तों को ढके रहते हैं। रस चूसने के पश्चात पत्तों का विकास रुक जाता है और वे गिर जाते हैं।

उपचार

  • पत्तों पर 0.05 प्रतिशत पैराथियान, 5 लीटर पानी में एक महीने के अंतर से 2 बार छिडक़ाव करें या
  • इथियान को 4 मि.ली. प्रति लीटर पानी में घोलकर छिडक़ाव करें।

आम के पुराने बगीचे में पानी कब-कब लगायें

महत्वपूर्ण खबर: एमपी फार्मगेट एप से किसानों को उपज बेचना हुआ आसान

Advertisements
Advertisement5
Advertisement