सरकारी योजनाएं (Government Schemes)राज्य कृषि समाचार (State News)

परियोजना से 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी

26 दिसंबर 2024, भोपाल: परियोजना से 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी – केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत दौधन गांव में बांध का निर्माण किया जाएगा। केन नदी के जल को 221 किलोमीटर लंबी लिंक कैनाल के माध्यम से मार्ग में दोनों ओर सिंचाई सुविधा प्रदान की जाएगी। अतिरिक्त जल को बेतवा नदी में छोड़ा जाएगा।

इस परियोजना से प्रदेश के 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके अलावा, छतरपुर, पन्ना, दमोह, टीकमगढ़, शिवपुरी, निवाड़ी, दतिया, रायसेन, विदिशा और सागर जिलों के 2013 गांवों को लाभ मिलेगा। परियोजना से 44 लाख लोगों को पेयजल की सुविधा भी मिलेगी। जल विद्युत उत्पादन के रूप में 103 मेगावाट और सोलर ऊर्जा के रूप में 27 मेगावाट का उत्पादन भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय परियोजनाओं के साथ ही प्रदेश के भीतर भी नदियों को जोड़ने का काम किया जा रहा है। उज्जैन में कान्ह नदी को गंभीर नदी से जोड़ने के लिए 20 किलोमीटर लंबी डक्ट बनाई जा रही है। इसी तरह सीवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना भी प्रारंभ की जा रही है। राज्य सरकार का लक्ष्य हर खेत तक सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराना है। मप्र में बनने वाले 21 बांध बैराज में कुल जल भंडारण क्षमता 1908.83 एमसीएम (मिलियन घन मीटर) तय की गई है। हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया है। दोनों राज्य कुल पानी का कितना-कितना शेयर आपस में बाटेंगे। में लगभग 5.98 लाख हेक्टेयर में जमीन में सिंचाई हो सकेगी।  इसके अलावा पुरानी चंबल नहर प्रणाली के आधुनिकीकरण से भिंड मुरैना, श्योपुर के 3.36 लाख किसानों को फायदा होगा। इस नहर प्रणाली को अपग्रेड कर इससे शाखाओं को बढ़ाया जाएगा। नहरों को पक्का करने साथ ही पानी के पुख्ता हिसाब-किताब के लिए स्काड़ा सिस्टम भी लगाया जाएगा। मप्र के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट के मुताबिक कालीसिंध डायवर्सन सिस्टम को छोड़कर सभी बांध-बैराज की डीपीआर तैयार कर ली गई है। जिसकी कुल लागत 33 हजार 820 करोड़ से अधिक आकलित की गई है।

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