समस्या – समाधान (Farming Solution)

समस्या समाधान !

समस्या – मैं ग्वारपाठा लगाना चाहता हूं कृपया तकनीकी बतायें।
– तुलसीराम राय, गंजबासोदा
समाधान – ग्वारपाठा को घृतलहरी भी कहा जाता है। इस समय इसको लगाने का समय भी चल रहा है। आप भी लगायें परंतु निम्न तकनीकी अपनायें।
1. इसको सभी प्रकार की भूमि कम उपजाऊ भूमि में भी लगाया जा सकता है।
2. इसकी जातियों में ऐलोवेरा, एलोइंडिका, एलो स्पेंसेस, जाफरावादी इत्यादि।
3. इसके कंदों अथवा ट्यूवर्स से इसे लगाया जाता है।
4. पुराने पौधों की जड़ों के पास से छोटे-छोटे कंद निकाले जा सकते हैं।
5. एक हेक्टर क्षेत्र में 14000 से 16000 तक पौधे लगाये जा सकते हैं।
6. कटाई के लिये एक वर्ष बाद हर तीन माह में कटाई की जा सकती है।

समस्या- मैं औषधि फसल सतावर लगाना चाहता हूं अच्छा बीज, प्लांटिंग मटेरियल कहां से मिलेगा। लगाने की विधि बतायें।
– सुभाष चौरे, खुरई
समाधान- सतावर एक शक्तिवर्धक जिन्स है जिसे लगाकर कंद, जड़ों दोनों का उपयोग किया जाता है आप निम्न करें।
1. खेत तो आपके तैयार ही होंगे अब बुआई ही करनी होगी जिसके लिये उपयुक्त समय चल रहा है।
2. रोपण करने के पूर्व खेत में 15 टन गोबर खाद डालकर खेत में मिलायें।
3. इसके अतिरिक्त 60 किलो यूरिया, 30 किलो स्फुर एवं 30 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश भी डालें।
4. 1&10 मीटर की क्यारियां तैयार करें।
5. बीज बुआई के बाद हल्की मिट्टी की परत से ढंक दें।
6. जड़ों के द्वारा भी रोपण किया जा सकता है।
अच्छे बीज प्राप्ति के लिये निम्न पते पर सम्पर्क करें।
7. राज एंड कंपनी काटजू मार्केट के पीछे
पारसी मंदिर,नीमच
फोन-07423-21600,25345
8. डॉ. सुधीर सूद/सूद ब्रदर्स
6644 खारी,बावली दिल्ली 06
फोन -9868155666

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समस्या- मैं सिट्रोनेला घास को लगाना चाहता हूं कब लगाते हैं, कैसे लगाते हैं विस्तार से बतायें।
– सुरेश रघुवंशी, जामई
समाधान- आप सिट्रोनेला घास की खेती करना चाहते है इससे एक तेल की प्राप्ति होती है। वर्तमान में इसकी खेती का विस्तार हो रहा है आप निम्न करें।
1. इसको लगाने का समय जुलाई-अगस्त माह है या फिर फरवरी-मार्च में भी लगाया जा सकता है। यह समय सर्वाधिक उत्तम होता है।
2. इसकी कटिंग को ‘स्लिप्सÓ कहा जाता है। जिसे 5 से 8 इंच गहराई पर लगाया जाता है।
3. कतार से कतार दूरी 60 तथा पौध से पौध 30 से.मी. रखी जाती है।
4. बिजाई उपरांत खेत में नमी होना जरूरी है।
5. एक एकड़ क्षेत्र में 22000 ‘स्लिप्सÓ लगाये जाते हंै।
6. दो सप्ताह बाद नई पत्तियां आना शुरू हो जाती हंै।
7. खाली स्थान भरने का कार्य जरूर करें।
8. इसकी प्रजातियों में मंजूषा, मंदाकिनी ,बायो 13 आदि प्रमुख हैं।
9. खेत में तैयारी करते समय गोबर खाद डालें।

समस्या- मैं सूर्यमुखी की खेती करना चाहता हूं, कृपया तकनीकी बतलायें।
– शारदा प्रसाद, सीहोर
समाधान – आप सूरजमुखी लगाना चाहते हैं इस समय खरीफ फसलों की बुआई का उपयोगी समय चल रहा है। सूर्यमुखी इसमें से एक है। आप निम्न तकनीकी अपनायें।
1. बुआई समय 15 जून से 15 जुलाई
2. जातियों में संकर किस्मों में ए.बी.एस.एच.11, बी.एस.एच.1, पारस, ई.सी. 68415, एच.एम3, एस.एस. एफ 8, ई.सी. 68414
3. साधारण किस्मों का बीज 10-12 किलो/हे. संकर किस्मों का 8-10 किलो/हे.
4. कतार से कतार 45 से.मी. पौध से पौध 30 से.मी. बीज 4 से 5 से.मी. गहराई पर बोये।
5. असिंचित के लिये 87 किलो यूरिया, 250 किलो एस.एस.पी. तथा 17 किलो पोटाश/हे.
6. सिंचित के लिये 130 किलो यूरिया, 500 किलो एस.एस. पी. तथा 67 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश/हे.
7. सिंचित अन्य किस्मों के लिये 87 यूरिया, 375 किलो एस.एस.पी. तथा 67 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश/हे. की दर से डाले।
8. रखरखाव हेतु निंदाई/गुड़ाई समय मिलते ही करें।

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समस्या- मैंने बसंतकालीन गन्ना लगाया है क्या-क्या कृषि कार्य इस माह करना होगा।
– अनुज वर्मा, बैतूल
समाधान- जून माह में यदि वहां पर्याप्त वर्षा नहीं हो रही है तो सिंचाई की आवश्यकता होगी वैसे इस वर्ष जून में सतत वर्षा हल्के झल्ले आ रहे हैं जो पर्याप्त नमी भूमि में उपलब्ध कराने में सक्षम है। निंदाई/गुड़ाई कार्य जरूरी है तथा उर्वरक की दूसरी टॉप ड्रेसिंग भी की जाये। आने वाले माह में भरपूर बारिश की संभावना है। इस वजह से मिट्टी चढ़ाना तथा गन्ने की बंधाई ये कार्य भी जरूरी होंगे ताकि हवा से पौधों को गिरने से बचाया जा सके। अगोला कीट से बचाव हेतु फोरेट 10 जी 30 किलो/हे. की दर से भुरकाव करें अथवा 33 किलो कार्बोफ्यूरान 3 जी चूर्ण को खेत में भुरकें यदि वर्षा ना हो तो सिंचाई की जाये। इस तरह किए गए रखरखाव से गन्ना अच्छा पैदा हो सकेगा।

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