समस्या – समाधान (Farming Solution)

बैंगन की जड़ों में गांठें पड़ गयी थीं, आगे क्या- क्या सावधानी रखें

  • हौसीलाल रैकवार

समाधान: 

  • बैंगन व उसकी जाति की अन्य फसलों टमाटर, मिर्च आदि में सूत्रकृमि (निमोटोड) के कारण जड़ों में गांठें पड़ जाती हैं।
  • यह सूत्रकृमि मेलोडोगायनी स्पीसिज कहलाता है। इसका प्रकोप होने पर फसल की जड़ें पोषक तत्व अवशोषित नहीं कर पाती हैं और पौधों की पत्तियों पर यह लक्षण दिखते हैं। पत्तियां पीला पड़ कर सिकुडऩे लगती हंै व पौधे बौने रह जाते हैं।
  • इस कारण फूल व फलों की संख्या में बहुत कमी आ जाती है।
  • आगामी फसल के लिए आप उस खेत में बैंगन, टमाटर, मिर्च की फसल 2-3 वर्ष तक न लगायें, कोई अन्य फसल लें।
  • बैंगन जिस खेत में ले रहे हों तो 1-2 कतार के बाद गेंदा लगा दें इससे सूत्रकृमि नहीं पनप पायेगा।
  • रोगग्रस्त खेतों की गर्मी में गहरी जुताई अवश्य कर लें।
  • पौधों की नर्सरी ग्रसित खेत में न लगायें।
  • नर्सरी में बीज बोने के पूर्व 10 ग्राम कार्बोफ्यूरान प्रति वर्ग मीटर की दर से डालें। रोपाई के पूर्व पौधों को थायोजानिक दवा के 500 पीपीएम (5 ग्राम प्रति10 लीटर पानी) के घोल में 15 मिनट तक डुबाकर रखें।
  • कार्बोफ्यूरान 3 प्रतिशत के दानों को रोपा पूर्व 10 किलो प्रति एकड़ के मान से मिट्टी में मिला दें।
  • इन उपायों से सूत्रकृमि को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी।

महत्वपूर्ण खबर: गेहूं की फसल को चूहों से बचाने के उपाय बतायें

Advertisement
Advertisement
Advertisements
Advertisement5
Advertisement