चने की इल्ली का प्रकोप आने लगा है, कौन सी दवा डालें कृपया बतायें
समाधान – चने की इल्ली एक अंतर्राष्ट्रीय पीड़क के नाम से जानी जाती है दो दशक पहले तो ये हाल था कि चने की इल्ली को मारने के प्रयास में कृषक स्वयं परेशान हो जाता था। क्योंकि इल्ली को मारने के प्रयास और उसके समय में तालमेल नहीं हो पाता था परिणामस्वरूप चने की इल्ली से निपटने के लिये एकीकृत-नाशीजीव प्रबंधन (आई.पी.एम.) को बनाया गया जो निम्नानुसार है। जिसे हर कृषक यदि अंगीकृत कर ले तो चने की इल्ली कोई समस्या नहीं रह पायेगी।
- ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई तथा मेढ़ों की सफाई।
- चने की बुआई अक्टूबर 15 तक कर ली जाये।
- मिश्रित फसल लगायें, जौ तथा सरसों की एक कतार साथ दो कतार चने की लगायें।
- अफ्रीकन गेंदा को चने के फसल में कतारों के बीच तथा आसपास लगायें।
- खेत में एक हेक्टर में 20-25 टी आकार की खूटियां भी लगायें।
- फेरोमेन ट्रेप का उपयोग करें।
- घेटी अवस्था पर 2-3 इल्ली 1 मीटर कतार में आने पर 50 मि.ली. फेनवलरेट 20 ई.सी. या 50 मि.ली. साइपरमेथ्रिन 25 ई.सी. को 100 लीटर पानी में घोल बनाकर 15 दिनों के अंतर से दो छिड़काव करें।
- इसके अलावा प्रोफेनोफास 50 ई.सी. 2 मि.ली./ लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।