क्या बथुआ की खेती भी की जा सकती है क्योंकि इसके औषधि गुणों के कारण उपयोगी है, नई जाति हो तो बतायें
16 नवंबर 2021, क्या बथुआ की खेती भी की जा सकती है क्योंकि इसके औषधि गुणों के कारण उपयोगी है, नई जाति हो तो बतायें –
समाधान- आपने बिल्कुल ठीक लिखा है। गेहूं तथा अन्य रबी फसलों के साथ उगने वाला बथुआ में अनेकों औषधि गुण हैं इसमें विटामिन ए एवं सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है आंतों तथा कब्ज रोगों में बहुत लाभदायक होता है आप चाहें तो थोड़े क्षेत्र में बथुआ लगा सकते हैं इसका उपयोग सब्जी-रायता में भी होता है। बवासीर रोग में भी लाभकारी पाया गया है।
- सभी प्रकार की भूमि में पैदा किया जा सकता है। बालुई दोमट भूमि सबसे अच्छी होती है।
- खेत की तैयारी अन्य रबी फसलों की तरह की जाये। बुवाई सितम्बर के आखिरी सप्ताह से लेकर मार्च प्रथम सप्ताह तक की जा सकती है।
- एक से डेढ़ किलो बीज प्रति हेक्टर पर्याप्त होता है। बीज को गोबर की खाद में मिलाकर बुवाई की जा सकती है। द्य कतार से कतार 30 सेमी।
- इसकी जाति पूसा बथुआ 1 इसकी पत्तियां बैंगनी हरी पत्तियाँ 10.5 सेमी तथा चौड़ाई 3 सेमी होती है। तना भी बैंगनी रंग का होता है पहली कटाई बुआई को 40-50 दिन बाद की जा सकती है।
- यूरिया 50-60 किलो खड़ी फसल में 2-3 भागों में बांटकर टापड्रेसिंग करें।
- पहली सिंचाई 12-15 दिनों बाद करें।
- बीज आने के पहले कटाई बंद कर दें।
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की उपलब्धता के बारे मैं जानकारी उपलब्ध कराने की कृपा करें।