Farmer Success Story (किसानों की सफलता की कहानी)

ड्रैगन फ्रूट की खेती में हाथ आजमाता निमाड़ का नाहदी

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  • (दिलीप दसौंधी ,मंडलेश्वर )

10 मई 2022, ड्रैगन फ्रूट की खेती में हाथ आजमाता निमाड़ का नाहदी – निमाड़ के सुदूर अंचल के किसान भी अब परंपरागत खेती से हटकर अन्य फसलों की ओर रुख करने लगे हैं। खरगोन जिले की झिरन्या तहसील के ग्राम मुरमिया के किसान श्री नाहदी पिता काशीराम ने पहली बार अंतरवर्तीय  फसल के रूप में ड्रैगन फ्रूट लगाए हैं। साथ ही थाई अमरुद के भी पौधे लगाए हैं। ड्रैगन फ्रूट की खेती में फल तीन साल बाद लगेंगे ,उसके पहले अमरुद के फल आ जाएंगे। देखना यह है कि फलों की इस खेती से किसान को कितना लाभ मिलता है।

झिरन्या तहसील के ग्राम मुरमिया के किसान श्री नाहदी पिता काशीराम ने कृषक जगत को बताया कि एक एकड़ में पहली बार बालसमुद से ड्रैगन फ्रूट के पौधे 40 रु प्रति नग से खरीद कर अभी मई माह में 800 पौधे लगाए हैं। इसमें  फल तीन साल बाद लगेंगे। इसके एक सप्ताह बाद थाई अमरुद के भी 400 पौधे 30 रु प्रति नग की दर से खरीदकर लगाए हैं। बाकी पौधे बरसात में लगाएंगे। तनों की मज़बूती के लिए इनमें लगे फलों को तोड़ दिया गया है। एक साल बाद फलों का उत्पादन शुरू हो जाएगा।  ड्रिप से सिंचाई की जाती है। इन उद्यानिकी फसलों के लिए आत्मा वालों का मार्गदर्शन मिलता रहता है।

श्री नाहदी ने इस वर्ष रबी में डॉलर चना लगाया था, जिसका 7 क्विंटल उत्पादन हुआ था ,जबकि गत वर्ष गर्मीं में लगाए करेलों का 40 क्विंटल उत्पादन हुआ जिसे बेचकर 50 हज़ार कमाए थे। श्री नाहदी का आगामी खरीफ में मक्का ,सोयाबीन और कपास के अलावा अन्य की 30 एकड़ ज़मीन किराए से लेकर 2 -3  एकड़ में संतरा लगाने का भी विचार है। वहीं झिरन्या ब्लॉक के बीटीएम श्री अनिल नामदेव ने कहा कि आत्मा नवाचार के तहत श्री नाहदी के खेत में अंतरवर्तीय फसल के रूप में अभी ड्रैगन फ्रूट के लिए 400 पोल लगे हैं, जिसमें 800 पौधे लगाए गए हैं। 800 पौधे लगाना बाकी है।  
                                                       

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