किसानों की सफलता की कहानी (Farmer Success Story)

आईआईटी नौकरी छोड़ शुरू किया देसी मुर्गी का बिजनेस, हर महीने 1 करोड़ से ज्यादा की कमाई

30 नवम्बर 2023, हैदराबाद: आईआईटी नौकरी छोड़ शुरू किया देसी मुर्गी का बिजनेस, हर महीने 1 करोड़ से ज्यादा की कमाई – देश में आईआईटी से पढ़ाई करना और पढ़ाई के बाद एक अच्छी नौकरी मिल जाना करोड़ों लोगों का सपना होता हैं। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जिनको यह सब कुछ मिल जाने के बाद भी वह सफलता का पीछा नहीं छोड़ते। ऐसे ही सफलता की कहानी हैं, उद्यमी सैकेश गौड़ की हैं।

हैदराबाद के आईआईटी ग्रैजुएट श्री सैकेश गौड़ ने सह-संस्थापक श्री सामी और श्री सूरीबाबू के साथ एक उल्लेखनीय यात्रा शुरू की हैं। इनका  उद्यमिता के लिए जुनून ने हैदराबाद में स्वदेशी पोल्ट्री व्यवसाय को नया आयाम दिया हैं।

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दरअसल, सैकेश ने आईआईटी वाराणसी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है। इसके बाद सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल के तौर पर जॉब करने लगे। लेकिन सैकेश ने अपनी सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल की नौकरी को छोड़कर देशी मुर्गियां बेचने के लिए रिटेल मार्केट में कदम रखा। इन्होंने मुर्गी की स्थानीय रूप से नाटू कोड़ी व देसी मुर्गी की नाम से जानने वाली प्रजाति को पाला हैं ।

आईसीएआर ने दिया तकनीकी मार्गदर्शन

सैकेश गौड़ के इस बिजनेस में आईसीएआर-नेशनल मीट रिसर्च इंस्टीट्यूट, हैदराबाद ने एक इनकम्बेशन प्रोग्राम के माध्यम से हाइजनिक प्रोसेसिंग और रिटेलिंग यूनिट और गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेस की स्थापना के लिए तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया है। तीनों दोस्तों ने मिलकर कंट्री चिकन फार्मिंग और रिटेलिंग को सस्टेनेबल तरीके से बदलने के लिए वर्ष 2020 में कंट्री चिकन कंपनी की शुरुआत की।

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इनके इनोवेटिव्स आइडिया ने एक ऐसा माहौल बनाने के बारे में सोचा है जहां एक चिकन की दुकान एक सुपरमार्केट की तरह दिखती है जो एक साफ-सुथरी और गंदगी मुक्त माहौल में सभी नियामक मानकों का पालन करते हुए पौष्टिक, प्रीमियम क्वालिटी वाले देसी चिकन की पेशकश करती है।

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स्टार्टअप की देसी मुर्गियों ने अपने बेहतर स्वाद, न्यूट्रिशन वैल्यू और एथिकल प्रोडक्शन तकनीक के लिए प्रतिष्ठा हासिल की। जिस तरह से अंतिम उत्पाद को गिफ्ट आइटम की तरह पैक किया जाता है, उससे उन उपभोक्ताओं को बहुत आश्चर्य और संतुष्टि हुई है, जिन्हें पहले काले पॉलिथीन बैग में पैक चिकन खरीदने का अनुभव था।

स्टार्टअप में 15 हजार से अधिक किसान जुड़े

नवीन और आकर्षक विज्ञापनों के माध्यम से उन्होंने उपभोक्ताओं को ग्रामीण समुदायों से प्राकृतिक रूप से पाले गए देसी चिकन खाने के लाभों के बारे में भी जागरूक किया। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों से सीधे चिकन खरीद ने वाले इस स्टार्टअप ने रोजगार के अवसर पैदा किए हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान दिया है। स्टार्टअप ने 15,000 से अधिक किसानों को इस इकोसिस्टम में जोड़ा है और उपभोक्ताओं को हेल्दी चिकन और अंडे की पेशकश की है।

50 करोड़ का रेवेन्यू हासिल करने का रखा लक्ष्य

स्टार्टअप के पहले हफ्ते कंट्री चिकन कंपनी ने 13 लाख का रेवेन्यू हासिल किया। स्टार्टअप ने अब तक लगभग 25,000 ग्राहकों को सेवा दी है और विश्वसनीय और ट्रस्टेड ग्राहकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में स्टार्टअप ने 5 करोड़ का रेवेन्यू कमाया। स्टार्टअप ने जनवरी 2022 में 3 लाख प्रति माह से अप्रैल 2023 में 1.2 करोड़ प्रति माह तक रेवेन्यू हासिल की है। कंट्री चिकन कंपनी ने वित्त वर्ष 2023-24 में 50 करोड़ रेवेन्यू हासिल करने का लक्ष्य रखा है।

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