किसानों की सफलता की कहानी (Farmer Success Story)

छत्तीसगढ़: जशपुर में मूंगफली की खेती, गर्मियों में किसानों के लिए नया मुनाफा

11 जून 2025, रायपुर: छत्तीसगढ़: जशपुर में मूंगफली की खेती, गर्मियों में किसानों के लिए नया मुनाफा – छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में किसान अब पारंपरिक धान की खेती से हटकर ग्रीष्मकालीन मूंगफली की खेती की ओर बढ़ रहे हैं। इस बदलाव से न केवल उनकी आय में वृद्धि हो रही है, बल्कि खेती के नए तरीकों को अपनाने का रास्ता भी खुल रहा है।

धान से मूंगफली: सफलता  की कहानी

जशपुर के बगीचा विकासखंड के ग्राम दुर्गापारा के किसान गुरुनारायण ने इस साल मूंगफली की खेती को चुना। उनके पास 3.303 हेक्टेयर जमीन है, जिसमें वे पहले खरीफ और रबी दोनों मौसमों में धान की खेती करते थे। गुरुनारायण बताते हैं, “धान की खेती में पानी की खपत ज्यादा थी और उत्पादन उतना अच्छा नहीं मिलता था। लागत ज्यादा लगती थी, लेकिन मुनाफा सीमित रहता था।”

Advertisement
Advertisement

स्थानीय कृषि विस्तार अधिकारी रवि रोशन टोप्पो की सलाह पर गुरुनारायण ने 0.200 हेक्टेयर जमीन पर मूंगफली की खेती शुरू की। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (तिलहन) योजना के तहत उन्हें कृषि विभाग से 20 किलोग्राम मूंगफली के बीज मुफ्त में मिले। इसके साथ ही सूक्ष्म पोषक तत्व, खाद, दवाइयां और तकनीकी मार्गदर्शन भी प्रदान किया गया।

मुनाफे के साथ बदल रही खेती की तस्वीर

गुरुनारायण ने बताया, “नियमित निगरानी और समय-समय पर मिली सलाह की वजह से मेरी फसल की स्थिति बहुत अच्छी है। बाजार में मूंगफली की कीमतें भी अच्छी हैं, इसलिए मुझे इस बार बेहतर मुनाफे की उम्मीद है।”

Advertisement8
Advertisement

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मूंगफली की खेती गर्मी के मौसम में कम पानी और कम लागत में अच्छा उत्पादन दे सकती है। यह फसल न केवल मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखती है, बल्कि किसानों को आर्थिक रूप से भी मजबूत करती है।

Advertisement8
Advertisement

जशपुर के इस प्रयोग से साफ है कि सही मार्गदर्शन और वैज्ञानिक तरीकों के साथ किसान पारंपरिक खेती के दायरे से बाहर निकलकर नए अवसर तलाश सकते हैं। मूंगफली जैसी फसलों को अपनाकर न केवल आय बढ़ाई जा सकती है, बल्कि गर्मी के मौसम में भी खेती को लाभकारी बनाया जा सकता है।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisement8
Advertisement
Advertisements
Advertisement5
Advertisement