राज्य कृषि समाचार (State News)संपादकीय (Editorial)

क्या भारत में बढ़ेगा आलू बीज का निर्यात ?

इंदौर। भारतीय सब्जियों में आलू एक ऐसी सब्जी है,जिसे किसी भी सब्जी के साथ मिलाकर बनाया जा सकता है। इसलिए इसका उत्पादन भी बहुत अच्छा  होता है, लेकिन यह अफसोस की बात है कि विश्व का सबसे बड़ा आलू उत्पादक देश होने के बावजूद आलू बीज के निर्यात के मामले में भारत पिछड़ा हुआ है।

नौ बिलियन डॉलर का आलू बीज बाजार –

भारत में करीब पांच करोड़ टन आलू का उत्पादन होता है। वहीं आलू का बीज बाजार लगभग नौ बिलियन डॉलर का है, फिर भी भारत आलू बीज का निर्यात नहीं बढ़ा पा रहा है। भारतीय किसान आलू तो बेतहाशा पैदा कर रहे हैं, लेकिन मानक आलू बीज तैयार करने के सही तरीके से अनजान है। केवल पंजाब इसका अपवाद है।

Advertisement
Advertisement

आलू बीज निर्यात में नीदरलैंड सिरमौर –

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के उप महानिदेशक (बागवानी) डॉक्टर आनंद प्रकाश सिंह के अनुसार स्कॉटलैंड भारत को आलू बीज के वैश्विक बाजार में जगह बनाने में मदद करेगा। श्री सिंह ने कहा कि यूरोप का छोटा सा देश नीदरलैंड भारत के पड़ोसी देशों बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान र म्यांमार  में उन्नत किस्म के आलू बीज की आपूर्ति कर दुनिया का सबसे बड़ा आलू बीज निर्यातक देश बन गया है।

निर्यात में पिछडऩे का कारण –

आलू बीज के निर्यात में भारत के पिछडऩे का कारण  भारतीय आलू किसानों का उचित संगठन  नहीं होने के साथ ही आलू की गुणवत्ता परखने के लिए  उचित एजेंसी का अभाव होना भी है। देश में आलू की एकमात्र एजेंसी शिमला में सेंट्रल पोटैटो रिसर्च इंस्टीट्यूट है, जहां पर वैज्ञानिकों की भी कमी है। ऐसे में सरकार को पृथक स्वतंत्र निगरानी एजेंसी गठित करने की जरूरत है। डॉक्टर सिंह का स्पष्ट कहना है कि  ‘गुणवत्ता की कसौटी पर परखे बगैर विश्व बाजार में भारतीय आलू के बीजों की मांग में इजाफा नहीं हो सकता है।  तो क्या उम्मीद करें कि भारत में इसकी खामियों को दूर करने के पश्चात गुणवत्तायुक्त आलू बीज का निर्यात बढ़ेगा ?

Advertisement8
Advertisement
Advertisements
Advertisement5
Advertisement