गेहूं के भाव में तेजी रहने की उम्मीद
- (राजेश दुबे)
19 मार्च 2022, भोपाल । गेहूं के भाव में तेजी रहने की उम्मीद –फाल्गुन मास में जेठ जैसे तेवर दिखाती गर्मी के बीच गेंहूँ की बम्पर आवक से मंडियां भरी हुई हैं । किसान मंदी के बाहर तपती दोपहरी में ट्रैक्टर ट्राली पर बैठे अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं । खबर है कि रूस यूक्रेन के बीच चलते युद्ध के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय गेंहूँ की मांग बढ़ गई है । अनुमान है कि 70 लाख टन गेंहूँ का निर्यात हो सकता है । इसी कारण म. प्र. की मंडियों में किसानों को समर्थन मूल्य 2015 रू. प्रति क्विंटल से 100 रू. से 400 रू. प्रति क्विंटल तक अधिक भाव मिल रहा है । जिसके चलते समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद के लिए पंजीयन भी कम हो रहे हैं । सरकार भी राहत महसूस कर रही है कि सरकारी खजाने पर भार कम पड़ेगा ।
अपनी फसल के दाम के लिए समर्थन मूल्य पर निर्भर किसान अधिक दाम मिलने से खुश है , मंडियां गुलजार हैं लेकिन ग्रामीण बाजार में अपेक्षित रोनक नजर नहीं आ रही । फसल बीमा 2020 – 21 के 49 लाख दावों के 7600 करोड़ रू. के भुगतान के बाद और गेंहूँ के दामों में अप्रत्याशित उछाल से ग्रामीण बाजार में भी तेजी आने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा कुछ दिख नहीं रहा । बाजार के विश्लेषकों का मानना है कि फसल बीमा का भुगतान तो फसल क्षतिग्रस्त होने के कारण उसकी लागत की भरपाई है न कि फसल से किसान को आमदनी । इसलिए इसका असर ग्रामीण बाजार पर आने संभावना कम ही है । लेकिन गेंहूँ के बढ़े दाम और अन्य रबी फसलों की सरकारी खरीद का असर आने वाले समय में ग्रामीण बाजार पर परिलक्षित होगा ।
इन सबके बीच अच्छी खबर यह भी है कि कोरोना महामारी के प्रतिबंधों के समाप्त होने के बाद कृषि मेले एक बार फिर सजने लगे हैं । हाल ही में पूसा कृषि विज्ञान मेला संपन्न हुआ । जिसमें 1200 किसानों ने भाग लिया और 1100 क्विंटल से अधिक बीज किसानों द्वारा ख़रीदे गए । खाद्य प्रसंस्करण की आधुनिक मशीनों की प्रदर्शनी आगामी 24 से 26 मार्च तक इंदौर में आयोजित होने वाली है । पुणे में भी 23 से 27 मार्च तक किसान मेले का आयोजन हो रहा है । एक और अच्छी खबर यह है कि म. प्र. में चना , सरसों और मसूर की समर्थन मूल्य पर खरीदी 21 मार्च से प्रारंभ हो रही है ।
ग्रामीण बाजार के विश्लेषकों के अनुसार ये सब गतिविधियाँ आने वाले समय में बाजार पर सकारात्मक प्रभाव डालेंगी ।
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