संपादकीय (Editorial)

पिता की सीख पर सफलता कायम की

इंदौर। प्रदेश के किसान आज उद्यानिकी खेती को अपनाकर खासा लाभ कमा रहे हैं। मानपुर के श्री अजीजुर्रहमान पिता बशीर मोहम्मद (अज्जूभाई) ने अपनी लगन और कठिन परिश्रम के बल पर सब्जी उत्पादन में कुछ नया कारनामा करने की ठानी। उन्होंने अपने खेत में गोभी का 14 किलो का फूल उगाकर सम्मान पाया। जब अज्जूभाई ने पिता को अकेले खेतों का मैनजमेंट करते देखा तो उनके मन में कृषि के प्रति आकर्षण पैदा हुआ। वे खेती में हाथ बंटाने लगे तो पिता अधिक उत्पादन लेने के गुर सिखाए। पिता बशीर मोहम्मद ने अज्जूभाई को सूत्र दिया- एक फसल से पेट नहीं पलने वाला है। उन्होंने नींबू और जाम के बगीचे लगाए। उनके यहां आम और पपीते के बगीचे भी लगे हैं। इन पौधों के बीच खाली जगह में वे फूलगोभी, बैंगन, पत्तागोभी के साथ ही तरबूज, खरबूज, आलू आदि सब्जियों की फसलें ले रहे हैं। इससे उन्होंने दोगुना लाभ मिल रहा है।
मानपुर के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्री आर.एस. वर्मा के सुझाव पर अज्जूभाई ने नई तकनीकियों को अपनाना शुरू किया, इससे उनकी सब्जियों में गुणवत्ता बढ़ी है। आज उनकी सब्जियां खेत से ही हाथोंहाथ बिक जाती हैं। उन्होंने वर्ष 2009 में 14 किलो वजनी गोभी का फूल उगाया। उत्पादित की। इसके लिए उन्हें सम्मान भी मिला। आज वे 4 एकड़ में गोभी की फसल ले रहे हैं। अज्जूभाई नर्सरी में गोभी के रोपे खुद तैयार करते हैं। चार फुट चौड़े और 50 फुट लंबे बेड बनाए हैं।
गोभी से लाभ का गणित इस प्रकार है- प्रति एकड़ बीज, खाद एवं मजदूरी पर 5 से 6 हजार रुपए खर्च बैठता है। इसमें लगभग 6 से 7 हजार फूल मिलते हैं, जिनकी बाजार में कीमत 18 से 20 हजार रुपए मिल जाती है। बोनी के 90 दिन पश्चात उत्पादन मिलने लगता है।

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