Editorial (संपादकीय)

सब्जियां लगाना ज्यादा फायदेमंद

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रतलाम जिले में आलोट तह. के ग्राम शेरपुर खुर्द के प्रगतिशील किसान प्रकाश पिता श्री मोहनलाल पाटीदार जो विगत तीन सालों से कद्दू की खेती कर रहे हैं। इनके गांव शेरपुर खुर्द में सामान्यत: सभी किसान मुख्यत: सोयाबीन, मूंग, उड़द आदि फसलों को लगाते हैं, लेकिन प्रकाश पाटीदार का मानना है कि सोयाबीन के अलावा से अन्य सब्जीवर्गीय फसल लगाना ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। इसी को देखते हुए प्रकाश द्वारा विगत तीन वर्षों से कद्दूू की फसल लगाई जा रही है तथा अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा रहा है।कद्दू की खेती के बारे में हमारे द्वारा पूछने  पर इनके द्वारा खरीफ में जून माह के शुरूआती सप्ताह में कद्दूू के बीज को लगाया जाता है। प्रति बीघा 100 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है। इन बीजों को बोने के लिये पौधों से पौधों की दूरी 20 फिट एवं लाइन से लाइन की दूरी 20 फिट रखी जाती है। इतनी दूरी रखने के पश्चात भी कद्दू की बेल पूरे खेत में फैल जाती है, इनके द्वारा उपयोग किए जाने वाले बीज किसी बीज कम्पनी का न होकर इंदौर के पास राऊ के एक प्रगतिशील किसान से लिया जाता है, जो खुद बीज का उत्पादन करते हंै, बीज बोने के 35 से 40 दिन पश्चात फूल एवं फल आने लगते हैं तथा 60 से 75 दिन पश्चात फल तोडऩे लायक हो जाते हैं, पूरी फसल 90 से 115 दिन में खत्म हो
जाती है, इनके द्वारा प्रति बीघा 180 से 200 कि.ग्रा. तक कद्दू का उत्पादन लिया जाता है, तथा प्रति फल का औसत वजन 25 से 45 किलो तक आता है, इनके द्वारा फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए केवल जैविक खाद का उपयोग किया जाता है, तथा फसल को स्थानीय मार्केट के  अलावा अन्य बड़े मार्केट में भी भेजा जाता है। जिसका इन्हें इस वर्ष औसत भाव 10 रु. प्रति कि.ग्रा. प्राप्त हुआ।

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