Editorial (संपादकीय)

जैविक कृषि ज्ञान सम्मेलन एवं प्रदर्शनी सम्पन्न

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इंदौर। पं. शिव प्रसाद मिश्रा सगंधीय एवं जैविक फार्म के तत्वावधान में जैविक कृषि ज्ञान सम्मेलन एवं प्रदर्शनी का तीन दिवसीय आयोजन गत दिनों कृषि महाविद्यालय इंदौर में किया गया, जिसमें देश-विदेश के कृषि वैज्ञानिकों ने भाग लिया और जैविक कृषि से जुड़े अपने अनुभव को सभी किसानों से साझा किया । प्रदर्शनी में जैविक प्रक्रिया से उपजित अनाज, तेल, घी, शहद, चॉकलेट, सब्जियां, गुड़, गर्म मसाले, आटा इत्यादि सामग्री के 30 स्टॉल लगाए गए थे जिनका किसानों ने अवलोकन कर सामग्री क्रय की।

अनुसन्धान वैज्ञानिक डॉ. भारत भूषण शर्मा ने पादप रोग जनकों का जैविक नियंत्रण , जैविक खेती और अपशिष्ट प्रबंधन पर तथा जार्जिया यूएसए से आए एग्रोटेक्नोलॉजिस्ट डॉ.रत्नाकर रॉय ने हाइड्रोपोनिक्स में स्कोप और इसके भविष्य पर अपने विचार प्रकट किए। जबकि श्री प्रदीप द्विवेदी ने किसानों को किनोवा की खेती से आय दुगुनी करने के तरीके बताए। रविंद्र कुमार ठाकुर ने जैविक पोषक सूक्ष्म तत्वों का खेत अवशेषों के द्वारा निर्माण पर विचार रखे । मृदा विज्ञानी डॉ. संजय शर्मा ने जैविक खेती की संभावनाओं पर रोशनी डाली, श्री गोपाल भाई सुतरिया (अहमदाबाद) जो 750 से ज्यादा गिर नस्ल की गौ माता की सेवा बिना दान लिए कर रहे है, ने गौ-कृपा अमृत द्रव्य से जमीन की उपज बढ़ाने का तरीका बताया। श्री प्रदीप द्विवेदी ने किनोवा की खेती एवं अपने शोध के परिणामों से जैविक खेती के फायदे और रसायनिक खेती के नुकसान की जानकारी दी ।डॉ. दीक्षा टेम्भरे ने घर में ही गमलों में जैविक खेती करने और टेरेस गार्डन बनाने के टिप्स दिए । श्री दीपक अग्रवाल ने जैविक खेती का अर्थशास्त्र और श्री नरेंद्र कुमार ताम्बे ने सब्जियाँ खाएं जहर नहीं विषय पर अपने विचार रखे। समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विहिप के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री हुकुमचंद सावला ने जैविक खेती को प्रोत्साहित करने पर जोर देते हुए कहा कि जैविक खेती किस तरह मृदा और जल के संरक्षण में सहायक होती है। कार्यक्रम संयोजक श्री मनोज मिश्रा ने आभार प्रकट किया ।

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