Editorial (संपादकीय)

म.प्र. बजट 2017-18 लोक-लुभावन बजट पेश हुआ

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(विशेष प्रतिनिधि)

भोपाल। मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए शहरी गरीबों के लिए पांच रुपए में भोजन, विधवा महिलाओं के लिए पेंशन और प्रदेश सरकार के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ देने वाला लोक-लुभावन बजट गत दिनों विधानसभा में पेश किया। परन्तु बजट में कृषि क्षेत्र के लिए कुछ खास नहीं किया। कृषि क्षेत्र के लिए बजट में 33,564 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जिसमें सभी संबंधित विभाग शामिल हैं। कृषि के लिए केवल 4541.87 करोड़ का प्रावधान किया गया है इसमें सबसे अधिक 2000 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए रखा गया है। वहीं सिंचाई क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 7949 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। ग्रामीण विकास के लिए 14387.50 करोड़ रुपए की रकम आवंटित की गई है।

वर्ष 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटे का अनुमान 25,688.97 करोड़ रुपए का है। यह राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 3.5 प्रतिशत अनुमानित है।  बजट में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण के लिए 765.78 करोड़, पशुपालन के लिए 1001.72 करोड़ एवं मछली पालन के लिए 91.09 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
अगले वर्ष चुनावी समर को देखते हुए वित्तमंत्री ने टैक्स वृद्धि की अनदेखी की है। कुछ विभागों के बजट में वृद्धि कर कुछ विभागों के बजट में कटौती की है। बजट कटौती में कृषि, सहकारिता, राजस्व एवं जनसंपर्क विभाग भी शामिल हैं। वहीं पशुपालन में 12 फीसदी, उद्यानिकी में 24 फीसदी से अधिक तथा मछली पालन में 12.35 फीसदी बजट में वृद्धि की गई है।

उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण

  •      माइक्रो इरिगेशन हेतु रु. 140 करोड़ ।
  •      राष्ट्रीय कृषि विकास योजना हेतु रु. 92 करोड़।
  •      राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन हेतु रु. 62 करोड़।
  •      फसल बीमा योजना हेतु रु. 50 करोड़ ।
  •      प्याज भण्डारण क्षमता में वृद्धि हेतु रु. 50 करोड़।

पशुपालन एवं मछली पालन

  •      पशुपालन विभाग की योजनाओं हेतु रु. 1001 करोड़।
  •      मछली पालन हेतु रु. 91 करोड़।

ग्रामीण विकास

  •      निर्मल भारत अभियान अंतर्गत 3000 ग्राम पंचायतों में ठोस, तरल एवं अपशिष्ट प्रबंधन कार्य के लिए रु. 1750 करोड़।
  •      प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में आवास हेतु रु. 3500 करोड़ ।
  •      महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में रु. 2000 करोड़।
  •      राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन रु. 633 करोड़ ।
  •      पंचायतों को मूलभूत कार्यों के लिए रु. 1127 करोड़।
  •     14वें वित्त आयोग की अनुशंसानुसार रु. 2642 करोड़।

सिंचाई सुविधा

  •    सिंचाई में पूंजीगत मद में रु. 9850 करोड़।
  •    12वीं पंचवर्षीय योजना अवधि में सिंचाई योजनाओं से 33 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई क्षमता विकसित।

ऊर्जा

  •      उदय योजना अंतर्गत विद्युत वितरण कंपनियों को रु. 7361 करोड़ (पुनरीक्षित अनुमान 2016-17) की अतिरिक्त सहायता।
  •      उदय योजना के अन्तर्गत 2017-18 में रु. 4622 करोड़।
  •      अस्थाई कनेक्शनों को स्थायी कनेक्शन में परिवर्तित करने हेतु रु. 4000 करोड़ की योजना का क्रियान्वयन।
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