सोयाबीन में जैविक कीटनाशकों का प्रयोग
23 अगस्त 2022, भोपाल: सोयाबीन में जैविक कीटनाशकों का प्रयोग – डॉ शर्मा, सेवानिवृत्त प्रधान वैज्ञानिक, ICAR – भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर ने वानस्पतिक कीटनाशकों की जानकारी दी जो इल्लियों का प्राकृतिक नियंत्रण करते हैं।नीम में कीटनाशक का गुण नहीं रहता है। पेड़ों की 2200 जातियों में कीटों को मारने के गुण रहते हैं। इनमें कुछ बबूल, सीताफल, धतूरा के बीज और पत्तियां, नीलगिरि, बेशरम, कुरी (लेंटाना), तम्बाकू, और करंज की पत्तियां शामिल हैं।इनके कीटनाशक को घोल की तीव्रता के अनुसार चयन किया जा सकता है। 75 या 50 त्न तीव्रता वाले घोल ठीक रहते हैं। इल्लियों की दूसरी या तीसरी अवस्था में डालने से किसी भी रासायनिक कीटनाशक के बराबर परिणाम आते हैं।
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