मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में मूंग की भूमिका को समझें
16 मई 2025, नई दिल्ली: मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में मूंग की भूमिका को समझें – मूंग न केवल किसानों के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत है, बल्कि यह मिट्टी की सेहत सुधारने वाली बेहतरीन फसल भी है। इसकी अल्प अवधि और नाइट्रोजन फिक्सिंग क्षमता के कारण यह रबी की फसल के बाद गर्मियों में उगाने के लिए आदर्श विकल्प बन जाती है।
मूंग एक दलहनी फसल है जो वातावरण से नाइट्रोजन को खींचकर मिट्टी में जमा कर सकती है। यह कार्य राइजोबियम बैक्टीरिया की मदद से होता है। इससे मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ती है और अगली फसल में रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता कम हो जाती है।
उत्तर भारत में गेहूं रबी की मुख्य फसल है। कटाई के बाद जब खेत खाली होते हैं, तब मूंग की बुवाई करना जैविक पदार्थों को जोड़ता है, मिट्टी की बनावट सुधारता है और सूक्ष्म जीवों की सक्रियता बढ़ाता है।
मूंग के कारण मिट्टी में जैविक पदार्थ और नाइट्रोजन की उपलब्धता बढ़ती है, जिससे अगली खरीफ या रबी फसल के लिए यूरिया और डीएपी की आवश्यकता कम हो जाती है। यह इनपुट लागत घटाने में सहायक होता है।
मिट्टी की स्थिति में सुधार को ट्रैक करने के लिए किसानों को नियमित रूप से मिट्टी परीक्षण कराते रहना चाहिए। जैसे-जैसे जैविक कार्बन और नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ती है, इसका लाभ दीर्घकालिक रूप से मिलता है।
मूंग कम पानी में उगाई जाने वाली फसल है, जो गर्मियों में बची हुई मिट्टी की नमी का उपयोग करती है और जमीन को सूखने या फटने से बचाती है।
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