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फसल की खेती (Crop Cultivation)

रबी सीजन में किसानों के लिए वरदान बन सकती है जौ की BH 946 किस्म, सिर्फ एक एकड़ में देती है 20-22 क्विंटल तक उपज

30 सितम्बर 2025, नई दिल्ली: रबी सीजन में किसानों के लिए वरदान बन सकती है जौ की BH 946 किस्म, सिर्फ एक एकड़ में देती है 20-22 क्विंटल तक उपज – भारत में रबी सीजन की फसलों में जौ (Barley) की खेती किसानों के लिए अहम मानी जाती है। इस सीजन में जौ की BH 946 किस्म किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है, और इसके पीछे कारण है उच्च उपज क्षमता और रोग-प्रतिरोधक गुण। विशेषज्ञों के अनुसार, इस किस्म से किसान एक एकड़ जमीन से 20 से 22 क्विंटल तक जौ प्राप्त कर सकते हैं, जो पारंपरिक किस्मों की तुलना में काफी अधिक है।

जौ की BH 946 किस्म सिर्फ उच्च उपज ही नहीं देती, बल्कि इसके दाने ज्यादा और माल्ट उत्पादन के लिए उपयुक्त हैं। बीयर और अन्य माल्ट आधारित उद्योगों के लिए यह किस्म अत्यंत उपयोगी साबित हो रही है। इसके साथ ही यह किस्म रोग-रोधी होने के कारण किसानों को फसल सुरक्षा पर अधिक खर्च नहीं करना पड़ता, जिससे उनकी लागत कम और लाभ अधिक होता है।

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BH 946 बुवाई का सही समय

–   बारानी (बिना सिंचाई वाले) क्षेत्रों में: मध्य अक्टूबर से बुवाई शुरू करें।
–   सिंचित क्षेत्रों में: 15 नवंबर से 30 नवंबर तक बुवाई करना सबसे उपयुक्त माना जाता है।
–   बीज की मात्रा क्षेत्र और बुवाई पद्धति के अनुसार अलग रखनी होती है।
–   बारानी क्षेत्र: प्रति एकड़ 30 किलो बीज
–   सिंचित क्षेत्र: प्रति एकड़ 35 किलो बीज
–   पछेती बुवाई: प्रति एकड़ 45 किलो बीज
–   सीड ड्रिल विधि: प्रति हेक्टेयर 75 किलो बीज
–   छिड़काव विधि: प्रति हेक्टेयर 100 किलो बीज

सिंचाई और देखभाल

BH 946 जौ की खेती में सिंचाई का ध्यान रखना आवश्यक है।
–   पहली सिंचाई: बुवाई के 40-45 दिन बाद
–   दूसरी सिंचाई: 80-85 दिन बाद
–   समय पर सिंचाई करने से पौधों की वृद्धि बेहतर होती है और उपज भी बढ़ती है।

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प्रमुख क्षेत्र

BH 946 जौ की खेती मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में की जाती है। इन राज्यों की जलवायु और मिट्टी जौ की इस किस्म के लिए अनुकूल है।

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