फसल की खेती (Crop Cultivation)

सोयाबीन किस्म जे.एस. 23-09 (JS 23-09)

07 जून 2024, भोपाल: सोयाबीन किस्म जे.एस. 23-09 (JS 23-09) – जे.एस. 23-09 सीरिज की अन्य किस्मों की तरह इसका विकास भी जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा किया गया हैं जो की अखिल भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान परियोजना का केंद्र भी हैं। वर्ष 2021 से 2023 के दौरान मध्य क्षेत्र में लगातार किये गए परीक्षणों में मात्र 92 दिनों की अवधी में इसने 2104 किग्रा./हे की औसत दर से प्रचलित किस्म की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक उत्पादन प्राप्त किया हैं।

इस किस्म में बैंगनी रंग के फूल आते हैं तथा काली नाभिका एवं रोयेरहित फलियाँ होती हैं। परीक्षणों के दौरान इस किस्म में चारकोल रॉट के लिए मध्यम से उच्च प्रतिरोधिता दर्शाई हैं। इसके अतिरिक्त एन्थ्राक्नोज एवं पीले मोज़ेक रोग के लिए भी यह मध्यम प्रतिरोधी देखि गई। रायजोक्टोनिया एरियल ब्लाइट एवं पिला मोजेक वायरस जैसे अनेक रोगों के लिए माध्यम प्रतिरोधिता प्रदर्शित की हैं। इसके फूलों का रंग बैंगनी हैं, तथा नुकीली आकर की पत्तियां देखि जाती हैं एवं पीले बीजों पर काली रंग की नाभिका होती हैं। इस किस्म को मध्य क्षेत्र – सम्पूर्ण मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र का मराठवाडा एवं विदर्भ क्षेत्र, राजस्थान, गुजरात तथा मध्य उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए उपयुक्त पाई गई हैं। 

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