फसल की खेती (Crop Cultivation)

Soybean Sowing: आपके इलाके के लिए कौन-सी सोयाबीन किस्म है बेस्ट? देखें पूरी लिस्ट

01 जुलाई 2025, नई दिल्ली: Soybean Sowing: आपके इलाके के लिए कौन-सी सोयाबीन किस्म है बेस्ट? देखें पूरी लिस्ट – सोयाबीन की अच्छी पैदावार पाने के लिए सही किस्म का चयन सबसे पहला और जरूरी कदम है। हर इलाके की मिट्टी, जलवायु और फसल चक्र अलग होता है, इसलिए एक ही किस्म हर जगह फायदेमंद नहीं होती। अगर आप भी सोच रहे हैं कि अपने खेत में कौन-सी सोयाबीन किस्म लगाएं तो यह लेख आपके लिए है। यहां हम आपके क्षेत्र के हिसाब से अनुशंसित और नोटिफाइड किस्मों की पूरी लिस्ट दे रहे हैं, ताकि आप फसल का जोखिम कम कर, ज्यादा और स्थिर उपज पा सकें।

बोवनी का सही समय और किस्मों का चयन

ICAR के शोध के अनुसार, जून का दूसरा पखवाड़ा और जुलाई का पहला सप्ताह सोयाबीन की बोवनी के लिए सबसे उपयुक्त समय है। लेकिन किसानों को सलाह दी जाती है कि वे बोवनी तभी शुरू करें, जब मानसून पूरी तरह सक्रिय हो जाए और कम से कम 100 मिमी बारिश हो जाए। इससे बीजों का अंकुरण बेहतर होता है और फसल की शुरुआती वृद्धि मजबूत रहती है।

किसानों को अपने क्षेत्र के लिए अनुशंसित और नोटिफाइड सोयाबीन किस्मों का चयन करना चाहिए। देश के विभिन्न क्षेत्रों के लिए अनुशंसित किस्में इस प्रकार हैं:

  • मध्य क्षेत्र (मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र का विदर्भ और मराठवाड़ा): JS 23-03, JS 23-09, MAUS 731, गुजरात सोया 4, JS 22-12, JS 22-16, NRC 165, NRC 157, MAUS 725 (महाराष्ट्र), NRC 150, फुले दूर्वा /Phule Durva (KDS 992 महाराष्ट्र), JS 21-72, RVSM 2011-35, AMS 100-39 (PDKV अम्बा), NRC 142, MACS 1520, RSC 10-46, RSC 10-52, AMS-MB-5-18 (स्वर्ण सोया) 
  • पूर्वी क्षेत्र और उत्तर पूर्वी पहाड़ी क्षेत्र  (छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, सिक्किम): RSC 10-71, RSC 10-52, बिरसा सोया/Birsa Soya-4 (झारखंड), MACS 1407, MACS 1460, NRC 128, RSC 11-07 and RSC 10-46
  • उत्तरी मैदानी क्षेत्र (पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के पूर्वी मैदान, उत्तराखंड, पूर्वी बिहार): पूसा  सोयाबीन 21, NRC 149, पंत सोयाबीन 27, PS 1670, SL 1074, SL 1028, NRC 128, उत्तराखंड का कला सोयाबीन  (Bhat 202-उत्तराखंड) SL 979, SL 955, पंत सोयाबीन 26 (PS 1572), PS 1368, PS 24 (PS 1477), VLS 89
  • उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र (हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र): NRC 197, VLS 99, हिम पालम सोया- 1 (हिमाचल प्रदेश), पंत सोयाबीन 25 (PS 1556), शालीमार सोयाबीन-1 (J&K) 
  • दक्षिणी क्षेत्र (कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, दक्षिणी महाराष्ट्र): ALSB 50 (तेलंगाना), MAUS 725 ( महाराष्ट्र), फुले दूर्वा (KDS 992 ( महाराष्ट्र) NRCMACS 1667, NRC 142, MACS 1460, NRC 132, DSb 34, KDS 753 (Phule Kimaya), KBS 23 ( महाराष्ट्र) 

किसानों को सलाह है कि वे कम से कम 2-3 अलग-अलग परिपक्वता अवधि वाली किस्मों का उपयोग करें। मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में, जहां खरीफ के बाद दूसरी फसल ली जाती है, शीघ्र परिपक्व होने वाली किस्में चुनें। वहीं, एकल फसल लेने वाले किसान मध्यम या लंबी अवधि वाली किस्मों का चयन करें। 

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