Crop Cultivation (फसल की खेती)

गुजरात के किसानों के लिए सोयाबीन पर वैज्ञानिकों की ऑनलाइन सलाह

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26 अगस्त 2021, इंदौर । गुजरात के किसानों के लिए सोयाबीन पर वैज्ञानिकों की ऑनलाइन सलाह – देश की आजादी के 75 वर्षों के उपलक्ष्य में मनाये जा रहे अमृतमहोत्सव के अंतर्गत गतदिनों इन्दौर स्थित भा.कृ.अनु.प.-भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-आईआईएसआर) एवं ट्राइबल रिसर्च एवं ट्रेनिंग सेंटर, देवगढ़ बारिया (गुजरात) के संयुक्त प्रयास से गुजरात राज्य के सोयाबीन कृषकों के लिए सोयाबीन की उत्पादन तकनीकी विषय पर ऑनलाइन कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें दाहोद, पंचमहल, वड़ोदरा एवं अमरेली जिलों के कृषकों ने भाग लिय।

इसके उद्घाटन सत्र में संस्थान की निदेशक डॉ. नीता खांडेकर ने बताया कि गुजरात राज्य में सोयाबीन के बढ़ते हुए क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए नवीनतम किस्मों के साथ-साथ उत्पादन तकनीकी के प्रचार-प्रसार हेतु किये जा रहे प्रयासों की पहली कड़ी के रूप में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जो कि खाद्य तेल की आत्मनिर्भरता के लिए सकारात्मक कदम है। ट्राइबल रिसर्च एवं ट्रेनिंग सेंटर, देवगढ़ बारिया (गुजरात) के प्रमुख डॉ. गिरीश भाई पटेल ने जानकारी दी कि गुजरात के आदिवासी बहुल जिलों में लोकप्रिय सोयाबीन की फसल का क्षेत्रफल अब धीरे-धीरे अन्य जिलो में भी बढऩे लगा है। सोयाबीन की एक लोकप्रिय किस्म एनआरसी 37 का भी प्रजनक बीज उत्पादन कार्यक्रम भी गुजरात में लिया जा रहा है।

डॉ. एस . डी. बिल्लोरे, प्रधान वैज्ञानिक (सस्य विज्ञान) ने सोयाबीन के उत्पादन हेतु अनुशंसित सस्य क्रियाएं एवं नवीनतम पद्धतियाँ’ विषय पर जानकारी देते हुए बदलते हुए मौसम के परिप्रेक्ष्य में परंपरागत तरीकों से हटकर बीबीएफ या रिज एवं फरो पद्धति से बोवनी करने की सलाह दी। एक अन्य तकनीकी सत्र में डॉ. राकेश कुमार वर्मा ने सोयाबीन में उखरपतवार एवं उनके नियंत्रण हेतु अनुशंसित रासायनिक खरपतवारनाशकों की जानकारी दी। संस्थान के सेवानिवृत्त कीट वैज्ञानिक डॉ. ए. एन. शर्मा ने सोयाबीन के प्रमुख हानिकारक कीट एवं उनके नियंत्रण हेतु समेकित कीट प्रबंधन पद्धति पर व्याख्यान दिया। डॉ. लक्ष्मण सिंह राजपूत, वैज्ञानिक (पादप रोग विज्ञान) ने सोयाबीन में आने वाले प्रमुख रोगों के लक्षण एवं उपचार के तरीकों पर बताया।

अंतिम तकनीकी सत्र में डॉ. मृणाल कुचलान, वरिष्ठ वैज्ञानिक (बीज प्रौद्योगिकी) द्वारा गुजरात के लिए अनुशंसित सोयाबीन की नवीनतम किस्में, बीजउत्पादन, प्रसंस्करण एवं भण्डारण विषय पर जानकारी दी। कार्यक्रम का आयोजन एवं समन्वयन संस्थान के डॉ. बी.यू. दुपारे, प्रधान वैज्ञानिक (कृषि विस्तार) व डॉ. सविता कोल्हे तथा ट्राइबल रिसर्च एवं ट्रेनिंग सेंटर, देवगढ़ बारिया (गुजरात) के डॉ. गिरीश भाई पटेल द्वारा किया गया।

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One thought on “गुजरात के किसानों के लिए सोयाबीन पर वैज्ञानिकों की ऑनलाइन सलाह

  • Sir Soyabeen pila ho rha h

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