भारत में नवीनतम एग्रोकेमिकल लॉन्च 2025: धान, मक्का, कपास और अन्य फसलों के लिए बेहतरीन खरपतवारनाशी और फफूंदनाशी उत्पाद
27 मई 2025, नई दिल्ली: भारत में नवीनतम एग्रोकेमिकल लॉन्च 2025: धान, मक्का, कपास और अन्य फसलों के लिए बेहतरीन खरपतवारनाशी और फफूंदनाशी उत्पाद – भारत का एग्रोकेमिकल उद्योग नवाचार की एक नई लहर का अनुभव कर रहा है, जहां प्रमुख कंपनियां भारतीय किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उन्नत खरपतवारनाशी (हर्बीसाइड्स) और फफूंदनाशी (फफूंद नियंत्रण के लिए) उत्पाद लॉन्च कर रही हैं। ये नए उत्पाद धान, मक्का, सोयाबीन, कपास और प्याज जैसी फसलों में खरपतवार और रोग नियंत्रण की पुरानी चुनौतियों का समाधान प्रदान करते हैं। इनसे किसानों को अधिक उत्पादन, कम नुकसान और खेती को किफायती एवं टिकाऊ बनाने में मदद मिलेगी।
इंसेक्टिसाइड्स इंडिया लिमिटेड (IIL) ने धान किसानों के लिए ‘अल्टेयर’ हर्बीसाइड लॉन्च किया
IIL ने ‘अल्टेयर’ नामक एक शक्तिशाली नया हर्बीसाइड लॉन्च किया है जो विशेष रूप से धान की फसल के लिए विकसित किया गया है। यह हर्बीसाइड धान की खेती में पाए जाने वाले घास और सेज जैसे खरपतवारों को नियंत्रित करता है। इसकी प्रणालीगत (सिस्टेमिक) क्रिया पौधे की गहराई तक जाती है और लंबे समय तक सुरक्षा प्रदान करती है।
‘अल्टेयर’ को फसल और खरपतवार के उगने के बाद (पोस्ट-एमर्जेंस) भी उपयोग किया जा सकता है, जिससे किसान समय और प्रभावशीलता पर अधिक नियंत्रण पा सकते हैं। जलवायु परिवर्तन और बढ़ती लागत के दौर में यह उत्पाद अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रहा है।
धनुका एग्रीटेक का दोहरा जश्न: टार्गा सुपर के 25 वर्ष और मेलोडी डुओ फफूंदनाशी का शुभारंभ
धनुका एग्रीटेक ने अपने प्रमुख उत्पाद टार्गा सुपर की 25वीं वर्षगांठ मनाई। यह उत्पाद सोयाबीन, मूंगफली और कपास में पाए जाने वाले संकीर्ण पत्तियों वाले खरपतवारों को नियंत्रित करता है।
इसके साथ ही, कंपनी ने मेलोडी डुओ नामक एक अगली पीढ़ी की फफूंदनाशी भी लॉन्च की है, जिसमें दो सक्रिय तत्वों का संयोजन है। यह अंगूर, टमाटर, मिर्च और आलू जैसी फसलों में फफूंद जनित रोगों से प्रभावी सुरक्षा प्रदान करती है और फसल की गुणवत्ता एवं बाजार मूल्य बढ़ाती है।
बायोस्टैड का नया हर्बीसाइड ‘प्यांकोर’: धान के खरपतवारों पर सटीक वार
बायोस्टैड इंडिया लिमिटेड ने धान में पाए जाने वाले घास और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए ‘प्यांकोर’ नामक पोस्ट-एमर्जेंस हर्बीसाइड लॉन्च किया है। यह विशेष रूप से Echinochloa और Cyperus जैसी जिद्दी प्रजातियों पर प्रभावी है।
यह चयनात्मक हर्बीसाइड धान की फसल को सुरक्षित रखते हुए लक्षित खरपतवारों को तेजी से नष्ट करता है। कंपनी इसे उत्तर भारत के धान क्षेत्रों में एक आधुनिक और किसान-हितैषी समाधान के रूप में पेश कर रही है।
ट्रॉपिकल एग्रो का टैग-प्रॉक्सी हर्बीसाइड: बहु-फसली उपयोग के लिए समाधान
ट्रॉपिकल एग्रो ने टैग-प्रॉक्सी नामक नया हर्बीसाइड लॉन्च किया है, जो कई फसलों में चौड़ी पत्ती और घास जैसे खरपतवारों को प्रभावी रूप से नियंत्रित करता है। यह उत्पाद तेजी से पौधों में अवशोषित होकर खरपतवारों को नियंत्रित करता है और फसल पर कम प्रभाव डालता है।
कंपनी किसान प्रशिक्षण, फील्ड डेमो और डीलर जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से इस उत्पाद को लोकप्रिय बना रही है।
धानुका एग्रीटेक का ‘दिंकर’ हर्बीसाइड: रोपित धान के लिए सटीक विकल्प
धानुका एग्रीटेक ने दिंकर नामक एक चयनात्मक हर्बीसाइड पेश किया है, जो रोपाई किए गए धान में पाए जाने वाले जटिल खरपतवार समूहों को नियंत्रित करता है। यह घास, चौड़ी पत्ती और सेज जैसे खरपतवारों पर तेजी से काम करता है, जिससे किसानों का समय और मेहनत दोनों बचता है।
कंपनी इसे धान उत्पादक राज्यों में बड़े स्तर पर जागरूकता अभियानों के माध्यम से प्रचारित कर रही है।
UPL का ‘सेंच्यूरियन EZ’ हर्बीसाइड: सोयाबीन, कपास और प्याज के लिए समाधान
वैश्विक एग्रोकेमिकल कंपनी UPL ने सेंच्यूरियन EZ नामक हर्बीसाइड लॉन्च किया है, जो सोयाबीन, कपास और प्याज में पाए जाने वाले घास वर्ग के खरपतवारों को नियंत्रित करता है। यह हर्बीसाइड तेजी से अवशोषित होकर लंबे समय तक प्रभावी रहता है और भारतीय परिस्थितियों के लिए उपयुक्त है।
UPL ने इसके विभिन्न जलवायु और मिट्टी स्थितियों में परीक्षण किए हैं, जिससे यह किसानों के लिए एक भरोसेमंद विकल्प बन गया है।
IIL का नया हर्बीसाइड ‘टॉरी सुपर’ मक्का के लिए SPF टेक्नोलॉजी के साथ
IIL ने टॉरी सुपर नामक विशेष हर्बीसाइड लॉन्च किया है, जिसमें SPF (Superior Performance Formulation) तकनीक है। यह मक्का की फसल में शुरुआती अवस्था में होने वाले खरपतवार हमलों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करता है।
यह Digitaria, Setaria, और Amaranthus जैसी मुख्य खरपतवार प्रजातियों पर लक्षित प्रभाव डालता है और फसल को नुकसान नहीं पहुंचाता। IIL इसे मक्का किसानों के लिए एक किफायती और प्रभावी विकल्प के रूप में प्रस्तुत कर रही है।
भारत में फसल सुरक्षा का बदलता परिदृश्य
हाल ही में हुए इन उत्पाद लॉन्च से यह स्पष्ट है कि भारत का एग्रोकेमिकल क्षेत्र तेजी से परिवर्तन की ओर अग्रसर है। बदलते मौसम, श्रम लागत में वृद्धि और बढ़ते उत्पादन लक्ष्यों को देखते हुए, किसानों को अब अधिक टिकाऊ, कुशल और सटीक समाधानों की आवश्यकता है।
कंपनियां न केवल नए उत्पाद ला रही हैं, बल्कि किसानों को प्रशिक्षित करने, डिजिटल सलाह देने और प्रायोगिक खेतों में परीक्षण करके यह सुनिश्चित कर रही हैं कि उत्पाद का सही उपयोग हो।
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