पिछले साल धान मैं प्लांट हॉपर और भूरे फुदके (BPH) का भरी प्रकोप था। इस साल धानकी फसल को कैसे बचाऊ
27 सितम्बर 2025, भोपाल: पिछले साल धान मैं प्लांट हॉपर और भूरे फुदके (BPH) का भरी प्रकोप था। इस साल धान की फसल को कैसे बचाऊ – जब धान की फसल पर सफेद पीठ वाला प्लांट हॉपर (WBPH) और भूरे फुदके (BPH) का हमला होता है, तो फसल को बचाने के लिए तुरंत और प्रभावी समाधान की आवश्यकता होती है। ऐसे में श्रीराम साइशो (Shriram Saisho) एक भरोसेमंद कीटनाशक के रूप में सामने आता है।
यह उत्पाद विशेष रूप से धान में पाए जाने वाले प्रमुख रस चूसक कीटों जैसे सफेद पीठ वाला प्लांट हॉपर (WBPH) और भूरे फुदके (BPH) के लिए विकसित किया गया है। यह कीटों की रस चूसने की प्रवृत्ति को तुरंत रोक देता है, जिससे वे फसल को नुकसान नहीं पहुंचा पाते और जल्दी मर जाते हैं।
श्रीराम साइशो की धान में उपयोग विधि
स्प्रे का सही समय रोपाई के 55 से 60 दिन के बीच है। प्रति एकड़ डोज़ 34.8 ग्राम है। छिड़काव के दौरान पूरे पौधे को फुहार से अच्छी तरह भिगाना आवश्यक है ताकि कीट नियंत्रण अधिकतम हो। प्रभावी नियंत्रण के लिए कीटों की संख्या पर ध्यान देना ज़रूरी है। जब पत्तियों पर कीटों की संख्या 5-10 हो, तो वित्तीय नुकसान से बचने के लिए तुरंत श्रीराम साइशो कीटनाशक का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। यह अनेक हानिकारक कीटों से फसल को सुरक्षा देता है और कम डोज़ में भी बहुत प्रभावी है।
अन्य फसलें जहाँ यह श्रीराम साइशो उपयोगी है:
- कपास: हरा तेला (जैसिड) को नियंत्रित करता है।
- बैंगन: हरा तेला (जैसिड) को नियंत्रित करता है।
दोनों फसलों के लिए डोज़ एक समान है, यानी 34.8 ग्राम प्रति एकड़, जिसे 1 एकड़ में छिड़काव करते समय 150-200 लीटर पानी में मिलाना होता है।
यह उत्पाद न केवल प्रभावशाली है बल्कि मछलियों, पक्षियों और स्तनधारियों के लिए सुरक्षित भी है, जिससे इसका उपयोग पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है। यह उत्पाद बहुआयामी कीटनाशक के रूप में जाना जाता है जो कम मात्रा में उपयोग पर भी अधिक प्रभावशाली परिणाम देता है और फसल को स्वस्थ रखता है।
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