खरीफ फसलों की सुरक्षा के लिए कीट-व्याधि सर्वे: किसानों को मिली अहम सलाह
29 जुलाई 2024, अजमेर: खरीफ फसलों की सुरक्षा के लिए कीट-व्याधि सर्वे: किसानों को मिली अहम सलाह – राजस्थान के अजमेर जिले में खरीफ फसलों जैसे बाजरा, ज्वार, मक्का, मूंगफली, तिल, ग्वार, कपास, मिर्च, गोभी, मूंग, उड़द, और मोठ में कीट-व्याधि की संभावना को देखते हुए कृषि विभाग ने रेपिड रोविंग सर्वे किया। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक श्री शंकर लाल गीणा ने बताया कि गठित कमेटी सदस्यों ने पुष्कर क्षेत्र के विभिन्न गांवों में जाकर सघनता से सर्वे किया और मौके पर उपस्थित कृषकों को कीट-व्याधि प्रकोप से बचाव के उपाय बताए।
सर्वे में पाया गया कि बाजरा, ज्वार व मूंग में कातरा (रेड हेयरी केटरपिलर), मक्का में फाल आर्मी वर्म कीट, गोभी में सेमी लूपर व डायमण्ड बैक मोथ, बाजरा में फडका, मूंगफली में सफेद लट, कातरा, कॉलर रॉट व टिक्का, मिर्च में पर्ण कुंचन रोग व सफेद मक्खी कीट तथा कपास में रस चूसक कीट जैसे जैसिड व सफेद मक्खी आदि का प्रकोप पाया गया।
श्री गीणा ने बताया कि किसानों को विभागीय सिफारिशों के अनुसार निम्नलिखित सलाह दी गई:
बाजरा, ज्वार, मूंग व मूंगफली में कातरा के नियंत्रण के लिए फसल के पास उगे जंगली पौधों पर क्यूनालफॉस 1.5 प्रतिशत चूर्ण 25 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से भुरकाव करें और खेत के चारों ओर खाई खोदकर उसमें क्यूनालफॉस 1.5 प्रतिशत चूर्ण भुरक देवें ताकि खाई में आने वाली लटे नष्ट हो जायें। जहां पानी की उपलब्धता हो वहां क्यूनालफॉस 25 ईसी 625 मिली या क्लोरोपायरीफॉस 20 ईसी एक लीटर प्रति हैक्टेयर की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें। मक्का में फाल आर्मी वर्म के नियंत्रण के लिए इमामेक्टिन बेन्जोएट 5 प्रतिशत एसजी 6 ग्राम प्रति 15 लीटर पानी में घोलकर पोटों में डाले।
मूंगफली में सफेद लट के नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल 300 मिली प्रति हेक्टेयर सिंचाई के पानी के साथ दें या कीटनाशी रसायन को सूखी बजरी या मिट्टी में मिलाकर पौधों की जड़ों के पास डालें। कॉलर रॉट के लिए बुवाई पूर्व फफूंदनाशी से बीजोपचार करें और मृदा उपचार के लिए 2.5 किलो ट्राइकोडर्मा 500 किलो गोबर में मिलाकर एक हेक्टेयर क्षेत्र में डालें। टिक्का रोग की शुरुआती अवस्था में ही कार्बेन्डाजिम आधा ग्राम प्रति लीटर पानी या मैन्कोजेब डेढ किलो प्रति हैक्टेयर की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें एवं 10-15 दिन बाद छिड़काव पुनः दोहराएं।
गोभी में डायमण्ड बैक मोथ के लिए इमामेक्टिन बेन्जोएट 5 प्रतिशत एसजी 200 ग्राम प्रति 500 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। मिर्च में पर्ण कुंचन रोग व सफेद मक्खी कीट के नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल एक मिली प्रति 3 लीटर पानी या डायमिथेएट 30 ईसी एक मि.ली. प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर छिड़काव करें। साथ ही पर्ण कुचन रोग से ग्रसित पौधों को उखाड़कर मिट्टी में दबा कर नष्ट करें। कपास में रस चूसक कीट जैसे जैसिड व सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए एक लीटर क्यूनालफॉस 25 ईसी या डायमिथेएट 30 ईसी प्रति हैक्टेयर के हिसाब से घोल बनाकर छिड़काव करें।
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