नगदी फसल लेने वाले किसानों की आय हुई दोगुनी
देश में कृषि स्थिति पर एसबीआई की विशेष रिपोर्ट
27 जुलाई 2022, नई दिल्ली । नगदी फसल लेने वाले किसानों की आय हुई दोगुनी – केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 तक किसानों की आय दोगुना करने के दावों पर एसबीआई ने सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की है। देश की कृषि स्थिति पर तैयार विशेष रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ राज्यों में कुछ खास फसल उपजाने वाले किसानों की आय निश्चित तौर पर पिछले चार वर्षों में दोगुनी हुई है। जो किसान नगदी फसल की खेती करते हैं उनकी आय अपेक्षाकृत तरीके से गैर नगदी फसल उपजाने वाले किसानों से बेहतर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के सोयाबीन और कर्नाटक के कपास किसानों की आय दोगुनी हुई है। हालांकि इस दौरान राजस्थान में गेहूं और कर्नाटक में धान उपजाने वाले किसानों की आय में सिर्फ 1.3 गुना वृद्धि हुई है।
गत दिनों जारी एसबीआई की इस रिपोर्ट में चार राज्यों कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र के गेहूं, धान, सोयाबीन, कपास, नारियल और गन्ना उपजाने वाले किसानों की स्थिति को शामिल किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 के मुकाबले वर्ष 2022-23 के दौरान महाराष्ट्र के सोयाबीन किसानों की औसत आय 1.89 लाख से बढक़र 3.8 लाख रुपये (दोगुना) और कर्नाटक के कपास किसानों की औसत आय 2.6 लाख रुपये से बढक़र 5.63 लाख रुपये (2.1 गुना) हो गई है। सर्वे में शामिल दूसरे राज्यों के किसानों की आय 1.3 गुना से 1.7 गुना बढ़ी है। सबसे ज्यादा किसान गेहूं व धान की खेती करते हैं और इनकी आय चार वर्षों में सिर्फ 1.3 गुना बढ़ी है। महाराष्ट्र के गन्ना किसानों की आय इस दौरान 2.79 रुपये से बढक़र 3.89 लाख रुपये (1.4 गुना ज्यादा), नारियल किसानों की औसत आय 3.11 लाख रुपये से 4.74 लाख रुपये (1.5 गुना ज्यादा) हो गई है।
महाराष्ट्र के किसानों की गैर कृषि आय में गिरावट
रिपोर्ट में उक्त चार राज्यों में गैर कृषि आय के बारे में कहा गया है कि उपरोक्त अवधि में महाराष्ट्र के किसानों की आय में गिरावट आई है, राजस्थान के किसानों की गैर कृषि आय 1.8 गुना, गुजरात में 1.5 गुना और कर्नाटक में 1.4 गुना बढ़ी है। एसबीआई ने कहा सर्वे में बड़े किसानों संग छोटे व सीमांत किसानों को शामिल किया है। बैंक ने कहा है कि अभी किसानों की आय गणना का ठोस माडल देश में उपलब्ध नहीं है, इसलिए उसने बैंक के किसान ग्राहकों से मिली जानकारी पर अध्ययन करने की कोशिश की है।
छत्तीसगढ़ को मिला कर्ज माफी योजना का ज्यादा लाभ
एसबीआई की रिपोर्ट में वर्ष 2014 के बाद किसानों की कर्जमाफी योजना पर भी अध्ययन शामिल है। इसमें कहा गया है कि पंजाब में वर्ष 2018 में लागू कर्जमाफी योजना का फायदा सिर्फ 24 प्रतिशत किसानों को ही मिला। जबकि वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में लागू कर्जमाफी योजना का फायदा 52 प्रतिशत किसानों को मिला। सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ के किसानों को इस योजना का लाभ मिला है। वर्ष 2018 में कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे पर चुनाव लड़ा था और बाद में सरकार बनने के बाद जो योजना लागू की गई है उसमें वहां के सभी सौ प्रतिशत किसानों को फायदा हुआ। दूसरे स्थान पर आंध्रप्रदेश है जहां के 92 प्रतिशत किसानों को (वर्ष 2014 में लागू) और तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र (91 प्रतिशत) है। जहां हाल ही में सत्ता में बेदखल हुई महाविकास आघाड़ी गठबंधन ने वर्ष 2020 में कर्जमाफी योजना लागू की थी। जिन राज्यों में कम किसानों को फायदा हुआ है इसके बारे में बैंक ने कहा है कि राज्य सरकारों की तरफ से कर्जमाफी के आवेदन को निरस्त करने, राज्यों की अपनी वित्तीय स्थिति खराब होने और सरकारों के बदलने की वजह से ऐसा हुआ है।
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