राज्य कृषि समाचार (State News)फसल की खेती (Crop Cultivation)

गृह वाटिका में उगायें सर्दी की सब्जियां तथा प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं

डॉ अदिति गुप्ता ,विषय वस्तु विशेषज्ञ ( खाध्य एवं पोषण), कृषि विज्ञान केंद्र , चाँदगोठी चुरू

20 नवंबर 2025,भोपाल: गृह वाटिका में उगायें सर्दी की सब्जियां तथा प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं – घर में उपलब्ध स्थान पर घर की आवशकता के अनुसार सब्जियों को लगाना गृह वाटिका कहलाता है घर के 5-6 सदस्यों के लिए 250-300 cm स्थान की आवश्यकता होती है । सर्दियां शुरू हो चुकी हैं, बाजार में हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ ही मौसमी फलों की आवक बढ़ने लगी है सर्दियों के मौसम में ढेर सारे मौसमी फल और सब्जियां उपलब्ध होते हैं, जो सेहत के लिहाज से काफी स्वास्थप्रद होते फलों और सब्जियों के समूह को सुरक्षात्मक भोज्य समूह कहा जाता है क्यूंकि ये हमारी विभिन्न बिमारियों से रक्षा करती है मौसम के अनुसार, जो लोग हरी सब्जियां और फलों का सेवन करते हैं, वो लंबी उम्र तक स्वस्थ रहते हैं। हैं।  भारतीय औषधीय अनुसन्धान परिषद् के अनुसार प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 300 ग्राम सब्जियों का सेवन करना चाहिए  जिसमें से 125 ग्राम हरे पत्ते वाली सब्जियां , 100 ग्राम जड़ व कंद वाली सब्ज्याँ तथा 75 ग्राम अन्य सब्जयों का सेवन करना चाहिए तथा 120 ग्राम फलों का सेवन करना चाहिए ।इनमें कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, जो आपको पूरे ठंड में मौसमी रोगों से बचाए रखते है । यदि आपके घर में पर्याप्त जगह है तो आप सर्दी की सब्जियों का लुत्फ़ घरेलु क्यारी से ही उठा सकते है इन सब्जियों जगह कम होने पर वर्टीकल गार्डन के रूप में भी उगाया जा सकता है । गृह वाटिका में सर्वाधिक स्थान हरे पत्ते वाली सब्जियों का होना चाहिए तथा छोटे फल के वृक्ष भी लगाये जा सकते है ।

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पालक

हरी पत्तेदार सब्जियों में पलक प्रमुख है । यह हमारे शरीर में लौह तत्व की कमी को पूरा करती है ,बीजों को पंक्ति में बोयें व 30-45 दिन में पालक खाया जा सकता है उगने के दो माह बाद तक पालक खा सकते है ।

पोषक तत्व : प्रोटीन, विटामिन, फॉस्फोरस , आयरन ,कैल्शियम , मेग्न्सियम,पोटेशियम

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फायदे: पालक जैसी हरी पत्तेदार सब्जी में विटामिन के और बी प्रचुर मात्रा में होते हैं। शरीर के लिए जरूरी मिनरल्स के साथ ही इसमें फोलिक एसिड और एस्कॉर्बिक एसिड भी होता है। एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट तत्व भी पाए जाते हैं।

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ऐसे खाएं : पालक पनीर, पालक एवं सरसों का साग , आलू पालक , सूप व सलाद के रूप में है। पालक का साग बनाएं, सूप पिएं, जूस बनाएं, सलाद में मिलाएं, सब्जी बनाकर खाने चाहें, जैसे भी इसका सेवन करेंगे हर तरह से यह हेल्दी है।

गाजर 

गाजर ठंड के मौसम में ही अधिक उपलब्ध होता है। इसमें विटामिन, एंटी ऑक्सीडेंट और मिनरल्स काफी मात्रा में होते हैं। इसके सेवन से आंखों की रोशनी, त्वचा में चमक बरकरार रहती है। कैल्शियम की मात्रा होने से हड्डियों की दिक्कत दूर होती है। एनीमिया से बचाता है। कोलेस्ट्राल के स्तर को मेंटेन करता है।

 इसके बीजों को क्यारी की मेड बनाकर थोड़ी- थोड़ी दुरी पर बोयें । ढाई महीने में गाजर तैयार हो जाएगी । इसके बाद चार महीने तक गाजर को इस्तेमाल कर सकते है ।

पोषक तत्व आयरन, पोटैशियम, विटामिन , कैल्सियम , फाइबर गाजर में सबसे ज्यादा कैरोटीन होता है। इसमें विटामिन सी, डी, बी, ई और के भी काफी होता है। आंखों, स्किन के लिए काफी हेल्दी होता है गाजर का सेवन करना। सर्दियों में स्किन की समस्या से बचने के लिए भी आप इसका सेवन कर सकते हैं।

फायदे सर्दी- जुखाम व इन्फेक्शन कम होगा व प्रतिरोधक क्षमता बढती है

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ऐसे खाएं सब्जी, सूप, जूस , सलाद या हलवा बनाये ।

मूली

सर्दियों में मूली काफी मिलती है। इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल्स कई तरह के कैंसर के खतरे से बचाते हैं। विटामिन सी एंटीऑक्सि‍डेंट की तरह काम करता है। मूली में एंटी-हाइपरटेंसिव गुण मौजूद होता है, जो हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कम करने का काम करता है। बीपी की शिकायत है, तो मूली का सेवन जरूर करें। इसमें पोटैशियम, फोलिक एसिड और एस्कॉर्बिक एसिड भी होते हैं, जो आपको कई शारीरिक समस्याओं से बचाते हैं। सर्दी के मौसम में अक्सर लोगों को खांसी-जुकाम होती रहती है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, गंधक, आयोडीन व लौह तत्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होते हैं। इसमें सोडियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन व मैग्नीशियम भी होता है। मूली में विटामिन ए भी होता है। ये ब्लड प्रेशर मेंटेन करता है। चेहरे की लालिमा बढ़ती है। इसमें एंटी-कन्जेस्टिव गुण होते हैं, जो कफ, गले की खराश, सर्दी और जुकाम से पीछा दिलाते हैं।इसके बीजों को भी मेड बनाकर उचित दुरी पर बोयें । ताज़ा मूली का स्वाद चार महीनो तक लिया जा सकता है ।

पोषक तत्वक्लोरीन, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, सोडियम, विटामिन

फायदे- पेट के रोगों के लिए फायदेमंद तथा नियमित इस्तेमाल से लिवर मजबूत होता है ।

ऐसे खाएं सब्जी , रस , सलाद और परांठा मूली का प्रयोग आप सलाद के लिए करते हैं, लेकिन इसके पत्ते भी बहुत पोष्टिक  होते हैं। इसकी पत्तियों की सब्जी बनाकर खाई जाती है, जो ठंड में सर्दी से बचाने में मदद करती है। इसके अलावा इससे शारीरिक दर्द और अन्य तकलीफों से निजात मिलती है।

मटर

बीजों को जमीन के अंदर एक इंच कड़ी लाइनों में लगाये । बोने के डेढ़ महीने बाद 2 महीने तक मटर का लुत्फ़ ले सकते है ।

पोषक तत्व प्रोटीन, विटामिन , फोस्फोरस और आयरन

फायदे कब्ज दूर होती है

ऐसे खाएं मटर को आलू, गाजर , पनीर के साथ सब्जी बनाकर , खिचड़ी में डालकर या सूप बनाकर इस्तेमाल कर सकते है ।

टमाटर

बीजों को बोने के 60-70 दिन बाद टमाटर आने लगते है फसल आने के तीन माह बाद तक ताज़ा टमाटर खाए जा सकते है

पोषक तत्व फॉस्फोरस , पोटेशियम , विटामिन ए, लाइकोपिन

फायदे प्रतिरोधक क्षमता बढती है और इसमें मौजूद लाइकोपिन कैंसर के खतरे को कम करता है ।

ऐसे खाएं सब्जी , सूप , जूस , सलाद और चटनी बनाकर खाएं ।

आलू

छोटे आलूओं को एक निश्चित दुरी पर बोयें ताकि पर्याप्त पानी , धुप और खाद मिल सके । तीन महीने में आलू तैयार हो जाएगा ।

पोषक तत्व आयरन , मैगनीज , कैल्शियम , फॉस्फोरस , कार्बोहायड्रेट

फायदे ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है ।

ऐसे खाए सब्जी, पापड़, समोसे ,चिप्स, चाट इत्यादि बनाकर

धनिया

धनिये के बीजों को किसी भी गमले में भी लगा सकते है ।3-4 दिन में अंकुर निकल आयेंगे । इन्हें चाक़ू से काटे इससे ये लगातार बढ़ते रहेंगे ।

पोषक तत्व कार्बोहायड्रेट , प्रोटीन , फाइबर

फायदे थाइरोइड व डायबिटीज की समस्या में उपयोगी

ऐसे खाएं मसाले के तौर पर , चटनी बनायें या सब्जी की सजावट करें

मैथी

कोलेस्ट्राल के स्तर को मेंटेन करने में मदद मिलती है। ग्लेक्टोमेनन नामक तत्व होने के कारण हार्ट को हेल्दी बनाए रखता है। फाइबर और एंटीआक्सीडेंट का बेहतरीन स्रोत होता है। इससे शरीर के हानिकारक तत्व बाहर निकलते हैं। इसके खाने या बालों में पीसकर लगाने से बालों में चमक बनी रहती है और काले भी रहते हैं।

बथुआ

इसमें विटामिन ए, कैल्शियम, आयरन, पोटोशियम, मैग्नीशियम, जिंक काफी मात्रा में पाया जाता है। यह खून को साफ करने में मदद करता है। पथरी को रोकने में मदद करता है। इसका सेवन सब्जी और रायता के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

करेला

स्वाद में भले ही करेला कड़वा हो लेकिन इसके फायदे बहुत है। यह न केवल आपके खून को साफ करता है, बल्कि पेट से जुड़ी परेशानियों को खत्म कर पाचन में मदद करता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर आपको बीमारियों से बचाता है।

हरे प्याज 

प्याज के हरे पत्तों की आवक भी ठंड में खूब होती है। यह अन्य पोषक तत्वों के साथ ही रोग प्रतिरोधी गुणों से भरपूर होता है और प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करता है। यह आंखों और त्वचा के अलावा पाचनतंत्र के लिए भी फायदेमंद है।

कढ़ी पत्ता

इसे मीठा नीम भी कहते है । कढ़ी पत्ता उगाने के लिए नर्सरी से इसका पौधा लाकर लगा सकते है ।

पोषक तत्वविटामिन , फाइबर , कैल्शियम , फॉस्फोरस

फायदे  इसके काढ़े से उलटी बंद हो जाती है । कीड़े के काटने पर इसके लेप से सुजन व दर्द कम हो जाता है ।

ऐसे खाएं सब्जी, दाल सांभर में छोंक लगाये व चटनी बनाएं ।

आंवला

इसकी कलम लगायी जाती है । आंवले के पेड़ को तैयार होने में कम से कम तीन साल का समय लगता है । पांचवे साल में फल आना शुरू हो जाता है ।

पोषक तत्व विटामिन सी

फायदे खांसी, साँस के रोग , कब्ज में फायदेमंद और खून साफ करता है ।

ऐसे खाएं चूर्ण, मुररब्बा, कैंडी , चटनी या अचार बनाकर खाएं ।

केला

सर्दी के मौसम में केला खाने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। इसमें पोटैशियम, फाइबर, विटामिंस अधिक होने के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है है। केला में पानी भी मौजूद होता है, जो त्वचा को हाइड्रेट रखने और पोषण देने के लिए उपयोगी है।

लाल अंगूर

लाल अंगूर में भी भरपूर विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं। इसमें पोटाशियम और कैल्शियम की मात्रा भी काफी अधिक होती है। इसके खाने से कब्ज, थकान और पेट से जुड़ी समस्याएं नहीं होती हैं। अंगूर के रस से माइग्रेन में काफी राहत मिलती है। अंगूर के लगातार सेवन से हीमोग्लोबिन भी बढ़ता है।

कीवी

इसमें भी विटामिन सी, पोटाशियम और कॉपर की मात्रा काफी अधिक रहती है। इसके सेवन से शरीर गर्म रहता है। इससे सर्दी भी नहीं लगेगी। ये भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, क्योंकि इसमें विटामिन सी की मात्रा भी काफी अधिक होती है।

शकरकंद

इसे ऊर्जा का खजाना कहते हैं। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स, विटामिन और लवण काफी मात्रा में पाए जाते हैं। इसके खाने से होमोसिस्टीन नामक अमीनो एसिड के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। इसका स्तर बढ़ने से बीमारियां बढ़ती हैं। आयरन की कमी दूर होती है। ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है। किडनी को भी स्वस्थ्य बनाता है।

अमरूद

अमरुद में काफी मात्रा में एंटीओक्सिडेंट पाया जाता है। सर्दियों में आप जितना अमरूद खाएंगे, आपके शरीर की इम्यूनिटी उतनी ही ज्यादा मजबूत होती है। इससे त्वचा संबंधी बीमारियां भी नहीं होती हैं।सर्दियों में अमरूद का अपना एक महत्व है। इसमें पोटाशियम, विटामिन ए, विटामिन सी और फाइबर होता है। इसमें संतरे के मुकाबले चार गुना विटामिन सी होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। फाइबर की मात्रा होने के कारण ये पेट को साफ करता है। विटामिन बी-6 और मैग्नीशियम होने के कारण ब्लड सर्कुलेशन मेंटेन रहता है। विटामिन ए होने के कारण आंखों की रोशनी के लिए रामबाण का काम करता है।

संतरा 

संतरे में विटामिन सी काफी होता है। विटामिन सी शरीर को कीटाणुओं से लड़ने में मदद करता है। इसके सेवन से शरीर को मिनरल्स,पोटैशियम, फोलेट और फाइबर भी प्राप्त होता है। कैलोरी की मात्रा कम होती है, तो जो लोग वजन कम करना चाहते हैं वो इसका सेवन कर) सकते हैं। इसके रोजाना सेवन से जुकाम और सर्दी जैसी बीमारियां दूर रहती हैं।

सर्दी की सब्जियां लगाते हुए इन बातों का ध्यान रखे

  • समय- समय पर गुड़ाई करते रहे ।
  • कीड़ा लग जाए तो नीम के जैविक कीटनाशको का प्रयोग करें ।
  • पाले से पौधों को बचाने के लिए प्लास्टिक कवर से ढकें ।

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