समय से बुआई नही कर पाये किसान ऐसे करें धान की खेती; पूसा संस्थान ने जारी की सलाह
27 जुलाई 2023, भोपाल: समय से बुआई नही कर पाये किसान ऐसे करें धान की खेती; पूसा संस्थान ने जारी की सलाह – भारतीय कृषि अनुसंधान के विशेषज्ञ, डॉ वाई एस शिवे ने ऐसे किसान जो धान फसल की समय से बुआई नही कर पाये हैं, उन कृषकों को धान की कम अवधि वाली किस्मों के उपयोग की सलाह दी हैं। इसके अलावा ऐसे कृषकों को इस समय धान की फसल में मुख्य सस्य क्रिया जैसे पोषक तत्व प्रबंधन पर ध्यान देना होगा।
किसान इन किस्मों को करें उपयोग
किसी कारण से जो किसान धान की बुबाई समय से नहीं कर पाए हैं वो किसान धान की कम अवधि वाली किस्में जैसे- पूसा 1509, पूसा-1692, को लगाये। धान की ये कम अवधि वाली किस्में अच्छी पैदावार देती है।
धान की फसल के लिए पोषक तत्व प्रबंधन
धान की फसल की बुआई देरी से हो या फिर समय से दोनों ही स्थितियों में पोषक तत्व प्रबंधन आवश्यक होता हैं। इसलिए धान की फसल की देरी से बुआई करने पर पोषक तत्व प्रबंधन का मुख्य रूप से ध्यान रखें।
धान की फसल में पोषक तत्व नाइट्रोजन- 120 किलोग्राम, फास्फोरस 50-60 किलोग्राम, पोटाश 40-50 किलोग्राम व जिंक सल्फेट 20-25 किलोग्राम की मात्रा डालें। धान की फसल में फास्फोरस पोटाश एंव जिंक सल्फेट की पूरी मात्रा आखिरी जुताई के समय दें।
नइट्रोजन को तीन हिस्सों में बांटकर डालें। नाइट्रोजन की पहली डोज रूपाई के 6-8 दिन बाद, दूसरी डोज रूपाई के 25-30 दिन बाद और तीसरी डोज रूपाई के 50-60 दिन बाद दें।
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