Crop Cultivation (फसल की खेती)

एमएसपी खरीदी के अनुसार धान किस्मों का चयन करें किसान

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25 जून 2021, भोपाल ।  धान किस्मों का चयन करें किसान – विगत कई वर्षा में देखा गया कि खरीफ मौसम में कृषक भाई धान की मोटी किस्मों की सीधी बुवाई परंपरागत तरीके से करते हैं। परंपरागत तरीके से बोई गयी धान की किस्मों के चावल में लाल रंग आता हैं जिसके कारण समर्थन मूल्य पर इस प्रकार की धान खरीदी नहीं की जाती हैं जिससे कृषकों को समस्या होती हैं। ऐसे कृषक जो सीधी बुवाई करते हैं उनको सलाह दी जाती हैं कि उन किस्मों का चयन करें जिनमें दाने में लाल रंग ना आता हो, कुछ किस्में इस प्रकार हैं- जेआर-767, जेआर-81, आईआर – 64, पूसा-1460, एमटीयू-1010 आदि।

रोपा पद्धति से अधिक उत्पादन

धान की सीधी बुवाई पद्धति की तुलना में रोपा पद्धति से लगायी धान का उत्पादन अच्छा प्राप्त होता हैं। अत: किसान भाई रोपा पद्धति से ही धान की खेती करें। साथ ही कुछ क्षेत्र में एस.आर.आई (श्री विधि) पद्धति से धान की बुवाई करें। श्री विधि में 4 से 5 किलो बीज एक एकड़ के लिये पर्याप्त होता है। इस विधि में धान की नर्सरी तैयार कर समान्य विधि में 21 दिन के मुकाबले 12 से 15 दिन में ही पौधो को खेत में रोपा जाता है। पौधे से पौधे एवं कतार से कतार के बीच की दूरी समान 22 से 25 सेमी तक होती है। जिससे धान के पोधो की जड़ों का विकास अधिक होता है। इस विधि में खेत का समतल बनाया जाता है। धान में बाली आने तक खेत में बराबर नमी बना कर रखी जाती है एवं खेत में पानी का भराव नही किया जाता है। इस विधि मे पौधों को अधिक पानी की जरूरत नहीं होती है। इस विधि में सामान्य विधि की तुलना में अधिक उत्पादन प्राप्त होता है।

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