फसल की खेती (Crop Cultivation)

बांस की खेती में एक एकड़ से सवा लाख कमाएं

15 जनवरी 2022, हरदा । बांस की खेती में एक एकड़ से सवा लाख  कमाएं – हरदा ‘’एक जिला एक उत्पाद’’ के तहत बांस उत्पादन को बढावा देने के लिए तथा कृषि क्षेत्र में बाँस वृक्षारोपण के लिए कृषकों की एक दिवसीय कार्यशाला मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव वन विभाग श्री अशोक वर्णवाल के मुख्य आतिथ्य में हुई। कार्यशाला में श्री वर्णवाल ने कहा कि बाँस की फसल अन्य फसलों की तुलना में सुरक्षित और अधिक लाभदायक है। उन्होने कहा कि प्राकृतिक आपदा के समय अन्य फसल खराब हो जाने का डर रहता है, किन्तु बांस की फसल किसी भी मौसम में खराब नहीं होती है। बांस की फसल कम खर्चे में कर सकते है क्योंकि खाद, कीटनाशक और सिंचाई की लागत बहुत कम होती है। इस अवसर पर अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी मध्यप्रदेश राज्य बांस मिशन भोपाल डॉ. यू.के. सुबुद्धि, प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री रमेश कुमार गुप्ता, मुख्य वन संरक्षक होशंगाबाद श्री आर.पी. राय, कलेक्टर श्री संजय गुप्ता और डीएफओ श्री नरेश दोहरे सहित वन विभाग के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। प्रमुख सचिव श्री बर्णवाल ने कहा कि बांस की फसल इस दृष्टि से भी बेहतर है कि इसे एक बार लगाओ और हर साल उत्पादन प्राप्त करों। उन्होने कहा कि बांस उत्पादन के लिये पर्याप्त बाजार उपलब्ध है। बांस की खेती में मानव श्रम भी बहुत कम लगता है। इसकी मार्केटिंग में कोई समस्या नहीं है। उन्होने कहा कि मध्यप्रदेश को हम ‘‘बेम्बू स्टेट’’ बनाने का प्रयास कर रहे है। प्रमुख सचिव श्री बर्णवाल ने इस अवसर पर कहा कि खेतों और अन्य स्थानों पर फेंसिंग के लिये सीमेंट के पोल के स्थान पर बांस को फेंसिंग कम खर्चे में हो जाती है। किसान भाई एक हेक्टेयर में 625 पौधे लगा सकते है ।       

क्या है बांस रोपण योजना ?  

 राज्य बांस मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. यू.के. सुबुद्धि –

Advertisement
Advertisement
  •    राज्य बांस मिशन द्वारा संचालित योजना में  कृषकों को निजी भूमि पर बांस रोपण किया जाता है।
  •    रोपित बांस पौधों के लिये 3 वर्षों में कुल 120 रूपये प्रति पौधों के मान से अनुदान दिया जावेगा।
  •   कृषकों को बांसरोपण की कुल लागत 240 रूपये प्रति पौधे की 50 प्रतिशत राशि 120 रूपये अनुदान के रूप में तीन वर्षो तक 50ः30ः20 के अनुपात में वितरित की जावेगी।
  •   पहले साल में प्रथम किश्त 36 रूपये प्रति पौधा रोपण उपरान्त प्रदाय , द्वितीय किश्त 24 रूपये 4 माह बाद जीवित पौधों पर भुगतान की जावेगी।
  •  दूसरे साल में 36 रूपये प्रति पौधा की दर से माह नवम्बर-दिसम्बर में कम से कम 80 प्रतिशत जीवितता पर तथा तीसरे  वर्ष 24 रूपये प्रति पौधा की दर से माह नवम्बर-दिसम्बर में शतप्रतिशत पौधों की जीवितता के आधार पर अनुदान का दिया  जावेगा।
  • योजना में  कृषकों को रोपण के लिये मध्यप्रदेश राज्य बांस मिशन द्वारा एक्रीडिटेड बांस रोपणियों अथवा सूचीबद्ध की गई टिशु कल्चर प्रयोगशालाओं से स्वयं पौधा क्रय करना होगा। इस हेतु कृषक द्वारा सर्वप्रथम निर्धारित प्रारूप में वनमंडलाधिकारी कार्यालय को आवेदन करना होगा।

बांस की फसल की पहली कटाई चार से पांच वर्षों  में होती है। बांस की उचाई 40-60 फीट तक होती है। एक एकड में 60 से 75 टन उपज एक एकड में सम्भावित है। बांस की वर्तमान खरीदी 255 रूपये प्रति क्विंटल है। बांस की खेती में एक एकड से शुरूआत में 1 लाख 25 हजार रूपये तक की आमदनी संभावित है। प्रत्येक चार वर्ष पर बांस क्रय दर में 3 प्रतिशत की बढत हो रही है।

महत्वपूर्ण खबर: 50 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान पर 30 हजार रूपये हेक्टेयर मिलेगी राहत : मुख्यमंत्री श्री चौहान

Advertisement8
Advertisement
Advertisements
Advertisement5
Advertisement