फसल की खेती (Crop Cultivation)

फसलों में प्रयोग होने वाले उर्वरकों की आपस में अनुकूलता जानकारी और उपयोग

लेखक: डॉ. मनजीत पवार, सहायक प्राध्यापक (कृषि विस्तार शिक्षा), कृषि विज्ञान संकाय, एसजीटी विवि, गुरुग्राम

06 अगस्त 2024, भोपाल: फसलों में प्रयोग होने वाले उर्वरकों की आपस में अनुकूलता जानकारी और उपयोग – पौधों के मुख्य पोषक तत्व 17 हैं इनमे 9 मैक्रो या बहुल पोषक तत्व कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, गंधक, कैल्शियम तथा मैग्नीशियम है तथा 8 माईक्रो या सूक्ष्म पोषक तत्व लोहा, जस्ता, तांबा, बोरोन, मोलिबडीनम, क्लोरीन व निक्कल है।

परन्तु आज के समय की हमारी लगातार सघन खेती प्रणाली से मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो रही है। परिणाम स्वरूप हमारी फसलों में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों की कमी से होने वाले विकार एवं रोग आते है। इसलिए हमें अतिरिक्त पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए उर्वरकों का प्रयोग हर फसल हरदिन कर रहे है। पौधों विभिन्न पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए अलग-अलग उर्वरकों का प्रयोग करना पड़ता है पर उर्वरकों में भी पोषक तत्व एवं उनकी की मात्रा अलग-अलग होती है।
ऐसे में किसान चाहते हैं कि एक साथ कई सारे उर्वरकों को मिलकर छिड़काव कर दें ताकि एक साथ पौधों को सभी जरुरी पोषक तत्व एक ही बार में मिल जाये। पर उर्वरक सामग्री को मिश्रित करते समय पहला विचार रासायनिक अनुकूलता का आता है कि ये उर्वरक सामग्री किस प्रकार परस्पर क्रिया करेंगी? क्या वे घोल में घुल जायेंगे? क्या उन्हें मिलाना सुरक्षित है? ये सभी महत्वपूर्ण प्रश्न हैं। क्योंकि जैसा ऊपर बताया गया है सभी रासायनिक उर्वरकों में रासायनिक तत्वों की मात्रा, उनकी अम्लता या क्षारकता की दर अलग-अलग होती है और विभिन्न रसायन, रासायनिक अभिक्रिया में अंतक्र्रिया करके परिवर्तित किसी दूसरी अवस्था में आ जाते हैं। जिससे पौधे उनको अवशोषित नहीं कर पाते। तो आज हम बात करेंगे फसलों में प्रयोग होने वाले विभिन्न उर्वरकों की एक-दूसरे के साथ अनुकूलता जिससे किसान भाइयो को पता लग सके की वो किस उर्वरक को किन दूसरे उर्वरकों के साथ मिला कर छिड़काव कर सकते हैं। जिससे फसलों को उपयुक्त मात्रा में पोषक तत्व मिल सके। उर्वरक सामग्री को मिश्रित करते समय हमेशा उनकी अनुकूलता पर विचार किया जाना चाहिए।
उर्वरक अनुकूलता मुख्य तीन तरह की होती है-

  1. रासायनिक अनुकूलता,
  2. क्रिटिकल रिलेटिव आर्द्रता, और
  3. भौतिक अनुकूलता।
रासायनिक नाइट्रोजन में प्रमुख उर्वरक
उर्वरक                       नाइट्रोजन की (प्रतिशत)
नैनो यूरिया4
यूरिया46
कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट (CAN)  25-26
अमोनियम सल्फेट20
अमोनियम सल्फेट नाइट्रेट26
कैल्शियम नाइट्रेट15.5
सोडियम नाइट्रेट16
अमोनिया घोल20-25
अमोनिया अनहाइड्रस82
अमोनियम फास्फेट20

क्रिटिकल रिलेटिव आर्द्रता

उर्वरक एक तरह के लवण हैं और लवण नमी को अवशोषित करेंगे (कुछ अपवाद हैं – जैसे मौलिक सल्फर, उदाहरण के लिए नमक नहीं है)। इस गुण को हीड्रोस्कोपिसिटी के रूप में जाना जाता है। उर्वरक की जितनी अधिक हीड्रोस्कोपिक होगी, वह उतनी ही अधिक नमी सोखेगी और क्रिटिकल रिलेटिव आर्द्रता (ष्टक्र॥) उतनी ही कम होगी क्रिटिकल रिलेटिव आर्द्रता स्तर वह आर्द्रता है जिसके ऊपर कोई उर्वरक या मिश्रण हवा से नमी को अवशोषित करेगा। क्रिटिकल रिलेटिव आर्द्रता हवा के तापमान से प्रभावित होती है, और जैसे-जैसे हवा का तापमान बढ़ता है, क्रिटिकल रिलेटिव आर्द्रता कम हो जाती है।

आमतौर पर मिश्रण बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले, व्यक्तिगत उर्वरकों की क्रिटिकल रिलेटिव आर्द्रता की तुलना में कम क्रिटिकल रिलेटिव आर्द्रता प्राप्त होगी। उदाहरण के लिए, यूरिया (73 प्रतिशत) और मोनोअमोनियम फॉस्फेट (92 प्रतिशत) को मिश्रित करने से एक ऐसा मिश्रण बनता है जिसकी क्रिटिकल रिलेटिव आर्द्रता 65 प्रतिशत होती है। इसके परिणामस्वरूप कुछ स्थितियों में उत्पाद कड़क हो सकता है या गाढ़ा घोल भी बन सकता है।

रासायनिक फास्फोरस के मुख्य उर्वरक
उर्वरकफास्फोरस p2o5(प्रतिशत)नाइट्रोजन N (प्रतिशत) 
सिंगल सुपर फास्फेट (एस.एस.पी.)16 p0 
ट्रिपल सुपर फास्फेट (टी.एस. पी.)46 p0 
डाईअमोनियम फास्फेट (डी.ए.पी.)46 p18%N 
मोनो अमोनियम फास्फेट (एम.ए.पी.)61 p12%N 
रासायनिक पोटेशियम में मुख्य उर्वरक
उर्वरकफास्फोरस K2O(प्रतिशत)नाइट्रोजन N (प्रतिशत)
म्यूरेट आफ पोटाश (एम.ओ. पी. ) 60 %K0
या पोटेशियम क्लोराइड
सल्फेट आफ  पोटाश (एस.ओ.पी.) 50%k0
या पोटाशियम सल्फेट 

भौतिक अनुकूलता

रासायनिक गुण और मिश्रण की हीड्रोस्कोपिक प्रकृति से परे, सूखे उर्वरक उत्पादों की भौतिक मिश्रण अनुकूलता पर भी विचार किया जाना चाहिए। उर्वरक के विभिन्न आकार (और यहां तक कि आकार और घनत्व) सूखे उर्वरक की अनुकूलता निर्धारित करेंगे। आदर्श रूप से, उत्पादों का आकार समान होगा।

विभिन्न आकारों की सामग्रियां काफी आसानी से अलग हो जाएंगी क्योंकि छोटी सामग्रियां भंडारण/एप्लिकेटर बिन के नीचे बैठ जाएंगी। परिवहन में 10 प्रतिशत से अधिक भिन्न आकार की सामग्रियों के अलग होने की संभावना है। बड़े घनत्व अंतर वाली सामग्रियों के अलग होने की भी अधिक संभावना होती है। यह सूक्ष्म पोषक उर्वरकों के लिए विशेष रूप से समस्याग्रस्त हो सकता है, जिनमें से अधिकांश में उच्च घनत्व होता है और कम मात्रा में जोड़ा जाता है। मृदा में पोषक तत्वों की कमी व उनके उपयोग की दृष्टि से नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटेशियम अधिक महत्वपूर्ण है।

रासायनिक मिश्रित पानी में घुलनशील उर्वरक
उर्वरकनाइट्रोजन Nफास्फोरस P2O5पोटाश K2O5 
पोटेशियम नाइट्रेट13% N0045% k 
मोनो पोटेशियम फॉस्फेट0052% p34% k 
एनपीके (19:19:19)19% N19% p19% k 
एनपीके (13:40:13)13% N40% p13% k 
एनपीके (18:18:18)18% N18% p18% k 
एनपीके (13:05:26)13% N0% p26% k 
एनपीके (06:12:36)6% N12% p36% k 
एनपीके (20:20:20)20% N20% p20% k 
मोनो अमोनियम फॉस्फेट12% N61% p00 
यूरिया फॉस्फेट17% N44% p00 

उर्वरकों की परस्पर अनुकूलता

अनुकूलता से संबंधित मूलभूत मापदंडों में से एक है उर्वरकों की घुलनशीलता है, क्योंकि विभिन्न घटकों के बीच परस्पर क्रिया से अघुलनशील अन्य यौगिक (अवक्षेपण) उत्पन्न हो सकते हैं, साथ ही पानी की गुणवत्ता और पोषक तत्वों की कमी भी हो सकती है।

  • यूरिया (46त्न नाइट्रोजन) को सबके साथ मिला सकते पर पोटेशियम क्लोराइड (जैसे की म्यूरेट ऑफ पोटाश रूह्रक्क) को मिला कर ज्यादा देर तक रख नहीं सकते। तुरंत मिलाकर छिड़काव कर दे।
  • यूरिया को अमोनियम नाइट्रेट, (34.4त्न हृ) अमोनियम कैल्शियम नाइट्रेट (ष्ट्रहृ), ्यष्टद्य, स्स्क्क या ञ्जस्क्क के साथ नहीं मिलाया जाए।
  • यूरिया को अधिकांश अन्य उर्वरकों के साथ मिलाया जा सकता है लेकिन यूरिया युक्त उर्वरक मिश्रण को तुरंत मिलाकर छिड़काव कर दें। यूरिया युक्त उर्वरक मिश्रण का भंडारण न करें।
  • कैल्शियम नाइट्रेट (15.5त्न नाइट्रोजन और 18.5त्न कैल्शियम के अनुपात में मिलता है और अमोनियम सल्फेट (अमोनियम सल्फेट 21त्न नाइट्रोजन और 24त्न सल्फर के अनुपात में मिलता है) को नहीं मिला सकते, क्योकि इनका घोल बनाने पर ष्टड्डस्ह्र4 एक ठोस अघुलनशील पदार्थ के रूप में अलग हो जायेगा ।
  • पोटेशियम क्लोराइड (रूह्रक्क) और पोटेशियम सल्फेट (स्ह्रक्क) को अधिकांश उर्वरकों के साथ मिलाया जा सकता है, लेकिन यूरिया और कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट के साथ इन उर्वरकों के मिश्रण को संग्रहित नहीं किया जाना चाहिए।
  • सल्फेट उर्वरकों जैसे कि अमोनियम सल्फेट (्रस्), सिंगल सुपरफॉस्फेट (स्स्क्क), पोटेशियम, पोटेशियम सल्फेट, और मैग्नीशियम सल्फेट के साथ कैल्शियम उर्वरक को जब एक ही टैंक में घोला जाता है, तो कैल्शियम और सल्फेट निकलते हैं और फिर मिलकर खराब घुलनशीलता वाला जिप्सम बनाते हैं। तो इन दोनों उर्वरको को आपस में नहीं घोलेें।
  • कैल्शियम नाइट्रेट (जो 15.5त्न नाइट्रोजन और 18.5त्न कैल्शियम के अनुपात में मिलता है) के साथ पोटेशियम सल्फेट (स्ह्रक्क), अमोनियम फास्फेट (ष्ठ्रक्क), फेरस, जि़ंक, कॉपर, मैगनीज, मैग्निसियम के सल्फेट, फोस्फोरिक एसिड , सल्फुरिक (गंधक ) एसिड और घुलनशील बोरॉन को आपस में नहीं मिला सकते।
  • पोटेशियम सल्फेट ( SOP- 0 :0. 50) के साथ इनमें से किसी भी जैसे फेरस (Fe 19%) जिक ( Zn 33%), कॉपर( Co 24%) ,मैगनीज (Mn 30.5%), मैग्नीशियम (Mg 9.6%) के सल्फेट या सल्फुरिक (गंधक ) एसिड का घोल बनाने पर इनकी घुलशीलता कम हो जाती है।
  • अमोनियम फास्फेट (ष्ठ्रक्क) के साथ फेरस, जि़ंक, कॉपर, मैगनीज, मैग्निसियम के सल्फेट, को आपस में नहीं मिला सकते।
  • मैग्नीशियम सल्फेट के साथ घुलनशील बोरोन को नहीं मिला सकते हैं।
  • कैल्शियम नाइट्रेट और मैग्नीशियम सल्फेट उर्वरकों को भी एक साथ नहीं लगायें क्योंकि कैल्शियम नाइट्रेट और मैग्नीशियम सल्फेट कैल्शियम सल्फेट बनाते हैं, जिनकी घुलनशीलता कम होती है।

रासायनिक अनुकूलता

सूखे उर्वरकों को मिलाते समय पहला विचार रासायनिक अनुकूलता का होता है। ये उर्वरक सामग्री किस प्रकार परस्पर क्रिया करेंगी? क्या वे घोल में घुल जायेंगे? क्या उन्हें मिलाना सुरक्षित है? ये सभी महत्वपूर्ण प्रश्न हैंै। चित्र आपको सामान्य उर्वरक सामग्री को मिलाने के लिए एक सामान्य दिशानिर्देश प्रदान करता है।
हरा रंग: चार्ट में हरा रंग यह दर्शाता है कि उन दोनों उर्वरकों में अनुकूलता हैं और उन्हें बिना चिंता के मिलाया जा सकता है। जोकि हरे रंग से चिहिन्त किया गया है।
पीला रंग: चार्ट में पीला बॉक्स दर्शाता है कि दो उर्वरक सामग्रियों को मिलाया जा सकता है पर, बहुत कम समय के लिए, और उनकी घुलनशीलता कम होगी।
लाल रंग: चार्ट में लाल बॉक्स दर्शाता है कि इन दो उर्वरको आपस में नहीं घोलना चाहिए।

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