फसल की खेती (Crop Cultivation)

क्या यूपीएल मॅकेरीना का प्रयोग सोयाबीन की गुणवत्ता और उपज दोनों को बेहतर बनाने में सहायक हो सकता है?

09 अगस्त 2024, इंदौर: क्या यूपीएल मॅकेरीना का प्रयोग सोयाबीन की गुणवत्ता और उपज दोनों को बेहतर बनाने में सहायक हो सकता है? – मॅकेरीना कंपनी यूपीएल एस ए एस लि. का एक उत्पाद है और कंपनी द्वारा किए गए फील्ड ट्रायल के अनुसार यह सोयाबीन की गुणवत्ता बढ़ाने और उपज में 8-22% की वृद्धि करने में मदद कर सकता है। इस उत्पाद का उपयोग दालों, मूंगफली, गेहूं, जीरा और फलों और सब्जियों की फसलों पर भी किया जा सकता है।

इस उत्पाद का उपयोग करना आसान है और इसके लिए 250 मिली/एकड़ के डोज़ की आवश्यकता होती है जिसे अन्य कृषि रसायनों के साथ भी मिलाया जा सकता है। बाजार में विभिन्न जैविक उत्पाद उपलब्ध हैं लेकिन वे अजैविक तनाव से सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं।

यह पौधों के लिए एक संपूर्ण भोजन है। मॅकेरीना कार्बनिक घटक और चेलेटेड पोषक तत्व प्रदान करता है जो पौधे की वृद्धि के लिए आवश्यक हैं जैसे NPK, Mg, S, B, Co, Cu, Fe, Mn, Mo और Zn।

विभिन्न फसलों के लिए मॅकेरीना का डोज़

फसलेंनिर्धारित मात्रा(मिली/एकड़)इस्तमाल का समय
दलहन (मूंग, उड़द, अरहर व चना)2502 स्प्रे – फूल आने से पहले और फलियाँ बनने पर
सोयाबीन2502 स्प्रे – फूल आने से पहले और फलियाँ बनने पर
गेहूं2502 स्प्रे – बाली निकलने की अवस्था और दाने बनने की अवस्था
मूंगफली2502 स्प्रे – फूल आने से पहले और दाने बनने की अवस्था पर
जीरा2502 स्प्रे – बाली आने की अवस्था और दाने बनने की अवस्था
सेब400-6003 स्प्रे – गुलाबी काली आने पर, पंखुड़ियाँ गिरने पर और वॉलनट की अवस्था पर
फूल की फसल250फूल आने की अवस्था से हर 15 दिन बाद
सब्जियां (टमाटर, बैंगन, मिर्च)2501. वनस्पति अवस्था, 2. पुष्पन अवस्था, 3. फल अवस्था
फल400-6001. वनस्पति अवस्था, 2. पुष्पन अवस्था, 3. फल अवस्था

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