कृषि वैज्ञानिकों ने बताई बीजामृत, जीवामृत बनाने की विधि
3 अक्टूबर 2022, शहडोल । कृषि वैज्ञानिकों ने बताई बीजामृत, जीवामृत बनाने की विधि – मप्र कृषि विभाग ‘आत्मा योजना’ में कृषि विज्ञान केन्द्र शहडोल में प्राकृतिक खेती पर कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मृगेन्द्र सिंह द्वारा जैविक खेती के महत्व एवं सब्जियों में जैविक खेती की उन्नत तकनीक के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया।
वैज्ञानिक डॉ. बी. के. प्रजापति द्वारा खरीफ फसलों की कृषि कार्यमाला के साथ-साथ जीवामृत, बीजामृत बनाने की विधि एवं इसके उपयोग के बारे में विस्तारपूर्वक से बताया, वैज्ञानिक डॉ. अल्पना शर्मा द्वारा किचन गार्डन एवं पोषण वाटिका के बारे में बताया गया। परियोजना संचालक आत्मा श्री आर.पी. झारिया द्वारा जैविक कीटनाशक पांच पत्ती काढ़ा, नीमास्त्र बनाने एवं उपयोग विधि के बारे में अवगत कराया गया। उप परियोजना संचालक आत्मा श्री रमेन्द्र कुमार सिंह ने कृषकों को मटका से खाद बनाने की विधि के बारे में बताया। रिलायंस फाउंडेशन से आये सीएसआर हेड श्री राजीव श्रीवास्तव द्वारा जैविक खेती से होने वाले लाभ के बारे में बताया गया। कार्यक्रम में उपस्थित कृषकों द्वारा कृषि संबंधित पूछे गये समस्याओं का निवारण वैज्ञानिकों द्वारा किया गया। विकासखंड तकनीकी प्रबंधक विकासखंड बुढ़ार श्री शिशुपाल सिंह राजपूत द्वारा जीवामृत बनाकर कृषकों को दिखाया गया।
बीजामृत (बीज अमृत) बनाने की विधि
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