फूल गोभी का बीज उत्पादन
खेत का चयन खेत का चयन करते समय यह ध्यान रखें कि वहां पहले दो वर्ष तक गोभी वर्गीय फसल बीज के लिए नहीं उगाई गई हो तथा खेत की मिट्टी दोमट, गहरी, उपजाऊ तथा पानी निकास अच्छा होना चाहिए।
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंनवीनतम उद्यानिकी (Horticulture) सम्बंधित जानकारी और कृषि पद्धतियों में नवाचार, बुआई का समय, बीज उपचार, खरपतवार नियन्तारन, रोग नियन्तारन, कीटो और संक्रमण से सुरक्षा, बीमरियो का नियन्तारन। उद्यानिकी (Horticulture) फसल सम्बंधित समस्या और उनका समाधान। टमाटर, प्याज़, आम, केला, पपीता, तरबूज़, मटर, गोभी, ककड़ी, फूल गोभी, करेला, स्टीविया, जुकिनी (तुरई), कद्दू, करेला, मिर्च, शिमला मिर्च, अरबी, रतालू, कटहल की फसल की खेती की जानकारी और नई किस्मे। ग्लेडियोलस, गुलाब, गेंदे की खेती। उद्यानिकी फसल में कीट नियंतरण एवं रोग नियंतरण। उद्यानिकी फसलों मैं बीज उपचार कैसे करे, बीज उपचार का सही तरीका। मशरुम की खेती, जिमीकंद की खेती, प्याज़ की उपज कैसे बढ़ाए, औषदि फसलों की खेती, जुकिनी की खेती, ड्रैगन फ्रूट की खेती, बैंगन की खेती, भिंडी की खेती, टमाटर की खेती, गर्मी में मूंग की खेती, आम की खेती, नीबू की खेती, अमरुद की खेती, स्ट्रॉबेरी की खेती, पपीते की खेती, मटर की खेती, शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स, लहसुन की खेती। शीत लहर में फसलों एवं सब्जियों को कीट-रोगों, पाले से बचाएँ
खेत का चयन खेत का चयन करते समय यह ध्यान रखें कि वहां पहले दो वर्ष तक गोभी वर्गीय फसल बीज के लिए नहीं उगाई गई हो तथा खेत की मिट्टी दोमट, गहरी, उपजाऊ तथा पानी निकास अच्छा होना चाहिए।
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंकीटनाशकों के तकनीकी नाम और उनकी विशेषताएं रसायनिक कार्यविधि संरूपण मात्रा/हे. फसल नियंत्रित होने वाले कीट डायकोफॉल सम्पर्क मकड़ीनाशक 18.5 ईसी 1250-2000 मि.ली. कपास, सब्जियां, धनिया, तिलहन,अंगूर सूक्ष्म
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंपीसीपीए (पेरा क्लोरो फिनॉक्सी एसिटिक एसिड):- टमाटर की फसल में मुख्यत: इसका उपयोग किया जाता है। टमाटर में पौधों में 50-100 पीपीएम मात्रा का छिड़काव करने से तापमान कि प्रतिकूल दशाओं में भी फलन को बढ़ाता है। 2,4- डी (2,4-
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंमुख्यमंत्री खेत तीर्थ अंतर्गत ग्राम सातपायरी रोड स्थित चौहान कृषि फार्म एवं नर्सरी में कम लागत द्वारा फसल उत्पादन का प्रयास किया जा रहा है । यहां पर गन्ना कटाई उपरान्त पत्ती का शुगरकेन लीफ कटर मशीन के माध्यम से
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंपौधशाला हेतु स्थान का चुनाव पौधशाला या नर्सरी हमेशा ऊंचे स्थान पर तैयार करें जिसमें पानी ना भर सके तथा उसका उचित जल निकास हो सके। नर्सरी के नजदीक छायादार वृक्ष नहीं होने चाहिए। नर्सरी की भूमि बलुई, दोमट व
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंम.प्र. के विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों हेतु सोयाबीन की उपयुक्त प्रजातियाँ क्र. कृषि जलवायु क्षेत्र जिले उपयुक्त प्रजातियां 1 छत्तीसगढ़ का मैदान बालाघाट तथा वारासिवनी जे.एस. 335, जे.एस. 93-05,जे.एस. 95-60, जे.एस. 97-52, जे.एस. 20-34, जे.एस. 20-29,,20-69. 2 कैमोर का पठार
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंधान खरीफ ऋतु की एक महत्वपूर्ण खाद्यान फसल है तथा म.प्र. में सोयाबीन के बाद इसकी खेती अन्य खाद्यान्नों की अपेक्षा सर्वाधिक हैं भारत में धान की खेती 4 करोड़ हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में की जाती है जिससे 9
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंउत्पादन प्राप्त करने के लिये केवल नाईट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश का प्रयोग मृदा में किया जाता है। बाकी तत्वों के बारे में विस्तार कार्यकर्ता एवं कृषकों को बहुत कम जानकारी है, या है ही नहीं। लेकिन उन तत्वों की कमी
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंक्षेत्र:- कपास देश के 3 क्षेत्रों और 9 राज्यों में उगाई जाती है। उत्तरी क्षेत्र: हरियाणा, पंजाब, राजस्थान मध्य क्ष़ेत्र: गुजरात, महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश दक्षिणी क्षेत्र: कर्नाटक, तमिलनाडू, आन्ध्र प्रदेश देश में लगभग 96 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में कपास
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंभोपाल। राज्य शासन ने कृषि विभाग में पदस्थ 62 सहायक संचालकों का स्थानान्तरण कर उनकी नई पदस्थापना की है। सूची इस प्रकार है – सर्वश्री विश्वनाथ त्यागी को श्योपुर से अम्बाह, सतीश कुमार देशमुख पवारखेड़ा से औबेदुल्लागंज, एस.सी. जैन दमोह
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें